भारत में कार एक्सेसरीज़ का मार्केट काफी बड़ा है. ज़्यादातर कार मालिक इन एक्सेसरीज़ को चलाने में सुविधा या अपनी कार को सजाने के लिए लगाते हैं. हालाँकि बाज़ार में मौजूद सभी एक्सेसरीज इतनी भी उपयोगी नहीं होतीं जितनी दिखाई देती हैं. इनमें से कई वाकई नुक्सानदायक होती हैं. पेश हैं 10 ऐसी ही एक्सेसरीज़ जिन से सभी कार मालिकों को बचना चाहिए.
सस्ते फ्लोरमैट्स
https://youtu.be/uS40RiECdkY
मार्केट में कई प्रकार के फ्लोर मैट्स उप्लब्ध हैं. हालाँकि ये फ्लोर मैट्स कई बार अपनी ख़राब फिटिंग के कारण काफी ख़तरनाक साबित होते हैं. ये फ्लोरमैट्स कई बार एक्सेलरेटर, ब्रेक और क्लच पेडल में फंस जाते हैं जिसकी वजह से कोई दुर्घटना हो सकती है. ऊपर दिए गए वीडियो में एक कार में ख़राब फिटिंग वाले फ्लोरमैट्स से होने वाला ख़तरा साफ़तौर पर देखा जा सकता है. इसलिए किसी भी कार में हमेशा जेन्युइन एक्सेसरीज़ का इस्तेमाल करना ही बेहतर होता है.
स्टीयरिंग कवर्स
कई कार मालिक अपनी कार में बेहतर इंटीरियर लुक्स या बेहतर स्टीयरिंग व्हील ग्रिप के लिए स्टीयरिंग कवर्स लगवाते हैं. पर एक ख़राब फिटिंग या डिज़ाइन का स्टीयरिंग कवर, स्लिप होने के कारण संतुलन बिगाड़ दुर्घटना करवा सकता है. ये ग़ौर करने वाली बात है कि कार्स के स्टीयरिंग व्हील एर्गोनॉमिकली डिज़ाइन किए जाते हैं और इसलिए उन्हें किसी भी प्रकार की मॉडिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होती. इसके बावजूद कार मालिक बेशक़ एक टाइट फिटिंग वाला स्टीयरिंग कवर लगवा सकते हैं.
रंगीन फॉग लैम्प्स और हेडलैम्प्स
आपने घने कोहरे वाले दिनों में ज़रूर कार्स के हेडलैम्प्स पर पीली पन्नी लगी हुई देखी होगी. ऐसा करने से हेडलैम्प्स की रौशनी कम हो जाती है जिससे ड्राइवर की विज़िबिलिटी पर भी गहरा असर पड़ता है. इन रंगीन पन्नीओं से हेडलैम्प्स का फोकस भी ख़राब होता है. कार के स्टॉक हेडलैम्प्स अक्सर आम परिस्तिथों के लिए पर्याप्त होते हैं. अगर किसी कार मालिक को अपनी हेडलैम्प्स की रौशनी तेज़ करनी ही है तो वो ज़्यादा पॉवरफुल बल्ब्स का इस्तेमाल सकते हैं पर इन पन्नीओं का इस्तेमाल सरासर ग़लत है.
लैम्प ब्लैक-ऑउट किट्स
कई लोग अपनी कार की हेडलैम्प्स और टेलैम्प्स को टिंट करते हैं. उनका मानना है कि इससे उनकी कार थोड़ी ज़्यादा स्पोर्टी लगती है. हालाँकि ऐसा करने से हेडलैम्प्स और टेलैम्प्स के वास्तविक फंक्शन में कमी आ जाती है. रात में ये टिन्टेड लैम्प्स कम रौशनी और विसिबिलिटी के कारण काफी ख़तरनाक साबित हो सकते हैं.
रियर ट्रे शोपीसेस
कई कार मालिकों को कार की पिछली पार्सल ट्रे पर शो-पीस सजाना पसंद है. भारत में कार्स में सॉफ्ट टॉय या छोटे तकिए पार्सल ट्रे पर सजे हुए दिखाई देना आम बात है. इस प्रकार की चीज़ें रियर व्यू मिरर में व्यू ब्लॉक कर सकती हैं. ये पीछे सजाई हुई चीज़ें अचानक ब्रेक लगाने पर आगे गिर सकती हैं जिस कारण ड्राइवर का ध्यान भटक सकता है और कार कहीं टकरा सकती है.
रूफ माउंटेड वीडियो प्लेयर्स
कई गाड़ियों में रूफ-माउंटेड वीडियो प्लेयर लगे होते हैं. इन वीडियो प्लेयर्स से ड्राइवर का ध्यान बड़ी आसानी से भटक सकता है. जहाँ कई हाई-एन्ड कार्स में फैक्ट्री-फिट्टेड वीडियो प्लेयर्स पहले से लगे हुए हैं वहीं ये ग़ौर किया जाए कि ये मल्टीमीडिया यूनिट्स इस तरह प्रोग्राम किए होते हैं कि इनमें वीडियो तभी चलाई जा सके जब कार चल नहीं रही हो. पर आफ्टरमार्केट प्लेयर्स कार चलाते वक्त भी वीडियो प्ले करते हैं. इसके अलावा ये रूफ-माउंटेड यूनिट्स रियर-व्यू मिरर के व्यू में भी अड़चन पैदा करते हैं.
रंग बदलने वाले हेडलैम्प्स/टेलैम्प्स
कई कार मालिक कार की हेडलैम्प्स और टेलैम्प्स में फ्लैशिंग लाइट्स भी लगवाते हैं. ये फ्लैशिंग लाइट्स सड़क पर बाकी लोगों को आँखों में काफी चुभती हैं. इसके अलावा हेडलैम्प्स में लगाई गई ये फ्लैशिंग लाइट्स ड्राइवर के लिए सड़क पर रौशनी भी कम करती हैं इसलिए इन लाइट्स का इस्तेमाल कार्स में नहीं किया जाना चाहिए.
ऑफ्टरमार्केट इलेक्ट्रीकल्स
कई ऑफ्टरमार्केट कार एक्सेसरीज़ में कार की वायरिंग से छेड़छाड़ करनी पड़ती है. उदहारण के तौर पर, हाई-एन्ड ऑडियो सिस्टम लगवाते या पॉवरफुल हेडलैम्प्स लगवाते वक्त नई वायरिंग लगवानी पड़ती है. ऐसे में अगर आफ्टरमार्केट वायरिंग सही ढंग से नहीं की गई तो ये गरम होने के कारण जल सकती है.
स्टीयरिंग स्पिनर्स
स्टीयरिंग स्पिनर्स दरअसल बहुत ख़तरनाक साबित हो सकते हैं. जहाँ ये आपको आसानी और जल्दी से स्टीयरिंग काटने में सहायता करते हैं वहीं कोई भी कार निर्माता इन्हें भरोसेंमंद नहीं मानते हैं. ऐसा इनकी ख़राब क्वॉलिटी और स्टीयरिंग काटते वक्त टूट जाने के कारण होता है. ऐसा होने से कार का संतुलन बिगड़ सकता है. इसके अलावा तेज़ स्पीड पर सड़क के गड्ढों के कारण पैदा हुए झटके से इनसे ड्राइवर के हाथ में चोट लग सकती है. ये नॉब ड्राइवर की शर्ट की आस्तीनों में भी उलझ सकते हैं.
सीटबेल्ट एक्सेसरीज़
सीटबेल्ट कार में मौजूद सबसे ज़रूरी और उप्योगी सुरक्षा फ़ीचर होता है. इसके बावजूद ऑफ्टरमार्केट सीटबेल्ट एक्सेसरीज़ के साथ इस्तेमाल किए जाने पर ये जानलेवा साबित हो सकती हैं. कई लोग ओरिजिनल सीटबेल्ट हुक्स की जगह ऑफ्टरमार्केट हुक्स इस्तेमाल करते हैं. ये हुक्स आपातकालीन स्थितियों में फंस जाने के कारण इंसान को कार से बाहर निकलने से रोकती हैं.