Royal Enfield दुनिया की सबसे पुरानी मोटरसाइकिल निर्माता है जो मार्केट में अभी भी टिकी हुई है. इन सालों, Royal Enfield बाइक्स की विंटेज स्टाइल और फील उनकी पहचान बन चुकी हैं और एक आम धारणा बन गयी की Royal Enfield बाइक्स अभी भी पुरानी टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करती हैं. लेकिन वो सच में मॉडर्न हो गयी हैं और इस बात के कई संकेत देखे जा सकते हैं. पेश हैं ऐसी ही 10 बातें जो दर्शाती हैं की Royal Enfield मोटरसाइकिल्स मॉडर्न हैं.
बिल्कुल नया पैरेलल ट्विन इंजन
ये नया क्लच और ट्रांसमिशन Royal Enfield ब्रांड की लेटेस्ट पेशकश का एक हिस्सा होगा. जल्द ही, Royal Enfield अपनी Interceptor और Continental GT 650 लॉन्च करेगी जो वो पहली दो मॉडर्न बाइक्स होंगी जिनमें Royal Enfield का बिल्कुल नया ट्विन पैरेलल इंजन होगा. ये एयर कूल्ड इंजन अधिकतम 47 बीएचपी और 52 एनएम उत्पन्न करता है. ये इंडिया में Royal Enfield की पहली बाइक होगी जिसमें पैरेलल ट्विन इंजन लगा होगा.
नया ट्रांसमिशन और क्लच
इन सालों में, Royal Enfield ने ट्रांसमिशन में गियर की संख्या बढ़ा दी है लेकिन जब बाकी निर्माता 6 गियर ऑफर करने लगे थे तब वो काफी समय तक 5 गियर ही ऑफर कर रही थी. नयी Royal Enfield 650 सीसी में बिल्कुल नया 6-स्पीड गियरबॉक्स है.
और इतना ही नहीं, Royal Enfield में स्लिपर क्लच भी होगा जो किफायती सेगमेंट में आसानी से नहीं मिलता. इन दोनों फ़ीचर्स के साथ, Royal Enfield ब्रांड अपनी विंटेज इमेज को त्याग देगी.
Anti-lock Braking System (ABS)
ABS कई बाइकर्स की सेफ्टी का एक ज़रूरी हिस्सा बन गया है. Royal Enfield ने अपने लाइन अप में ABS ऑफर करना शुरू कर दिया है. इंडिया में Royal Enfield की पहली ABS वाली बाइक Interceptor और Continental GT 650 होगी लेकिन कई विदेशी बाज़ारों में Royal Enfield अपने पूरे रेंज पर ड्यूल-चैनल ABS ऑफर करती है. इंडिया में 125 सीसी या उसके ऊपर की मोटरसाइकिल्स में ABS अगले साल से अनिवार्य हो जाएगा.
फ्यूल इंजेक्शन
इंडिया में Royal Enfield 500 सीसी और 411 सीसी दोनों इंजन फ्यूल इन्जेक्टेड हैं और ये मॉडर्न होने का एक बड़ा चिन्ह है. लेकिन, Royal Enfield इंडियन फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में ऑक्सीजन सेंसर ऑफर नहीं करती, ये ओपन लूप फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम वातावरण में ऑक्सीजन लेवल की भरपाई नहीं करते और ऊंचाईयों पर इनमें दिक्कत आनी शुरू हो जाती है. सभी एक्सपोर्ट मॉडल्स में क्लोज लूप FI सिस्टम होता है जिसमें ऑक्सीजन सेंसर भी होता है.
डिस्क ब्रेक
जहां फ्रंट व्हील में डिस्क ब्रेक काफी आम ऑप्शन बन गया है, रियर डिस्क ब्रेक सिर्फ परफॉरमेंस बाइक्स में मिलता है. Royal Enfield अपने Classic, Himalayan और Thunderbird मॉडल्स में रियर डिस्क ब्रेक ऑफर करती है. डिस्क ब्रेक ड्रम के मुकाबले काफी निपुण और पावरफुल होते हैं. और ये ब्रेकिंग की दूरी में काफी कमी लाते हैं.
मॉडर्न प्रोडक्शन
Royal Enfield अपने असेंबली लाइन के लिए मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है जिसमें Computer Numerical Control (CNC) मिलिंग जैसी चीज़ें शामिल हैं. ये हाई एंड मशीन कंप्यूटर ग्राफ़िक्स और इनपुट की मदद से बाइक के लिए बिल्कुल समान पार्ट्स बनाते हैं जिससे पार्ट फेलियर कम होता है. डिजाइनिंग के लिए दूसरे अत्याधुनिक प्रोग्राम जैसे Computer Aided Design (CAD) और निर्माण के लिए Computer Aided Manufacturing (CAM) जैसी चीज़ें उन्हें अपने प्रतिद्वंदियों के बराबर ला खड़ा करती हैं.
हाथ से बने पुराने Royal Enfield मोटरसाइकिल्स के विपरीत, मॉडर्न बाइक्स को बनाने में काफी ऑटोमेटेड स्टेप्स होते हैं. और इसी मॉडर्न निर्माण के चलते अब Royal Enfield ने अपनी बाइक्स के वेटिंग पीरियड को कुछ महीनों तक ला पायी है.
पेंट शॉप
रोबोट आज के असेंबली लाइन का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं. अधिकांश मॉडर्न ऑटोमोबाइल रोबोट के द्वारा पेंट किये जाते हैं जो इंसानों से काफी बेहतर पेंट कर सकते हैं. Royal Enfield में भी पेंटिंग कुछ ऐसे ही की जाती है जिससे पार्ट्स काफी बेहतर ढंग से और जल्दी पेंट हो जाते हैं.
मॉडर्न UCE इंजन
UCE (Unit Construction Engine) फैमिली की नए ज़माने वाली Royal Enfield बाइक्स में कई मॉडर्न फ़ीचर्स हैं. सबसे पहले तो UCE में एक रोटरी ऑइल पम्प होता है जो इंजन में ज़्यादा ऑइल फ्लो को मेन्टेन करता है. सॉलिड टैप्पेट्स की जगह अब हाइड्रोलिक टैप्पेट्स हैं जिससे मेंटेनेंस कम और परफॉरमेंस ज़्यादा हो जाती है.
इस इंजन में गियरबॉक्स और इंजन जैसे अलग-अलग पार्ट्स एक दूसरे से बेहतर रूप से जुड़े रहते हैं. इसमें ऑटोमैटिक डीकंप्रेसर और ऑटोमैटिक Cam Backlash को रोकने का प्रबंध भी है जिससे गाड़ी आसानी से स्टार्ट होती है और इंजन का परफॉरमेंस बेहतरीन रहता है.
अंत में एक ओवरहेड कैम इंजन!
Royal Enfield को अपने आइकोनिक स्टाइलिंग और प्रोडक्ट्स के लिए जाना जाता है जिसमें Bullet, Classic और Thunderbird जैसे मॉडल्स शामिल हैं. इस ब्रांड ने काफी एक्सपेरिमेंट भी किये हैं और ये कैफ़े रेसर और एडवेंचर सेगमेंट की बाइक्स भी बनाती है. जहां कैफ़े रेसर (Continental GT 535) मार्केट में कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पायी, एडवेंचर बाइक (Himalayan) काफी पॉपुलर हुई थी.
Himalayan में इस ब्रांड ने कई फ़ीचर्स पहली बार लाये थे जिसमें OHC (Overhead Cam) इंजन भी शामिल था. Royal Enfield Himalayan में लगा LS410 इंजन वो पहला RE इंजन है जिसमें ओवरहेड कैम है. हालाँकि बाकी सारे मोटरसाइकिल निर्माता कई साल ओहले से OHC सिस्टम के इंजन ला रहे हैं. Royal Enfield थोड़ा धीरे ही सही, लेकिन अपने इंजन में नयी टेक्नोलॉजी लेकर आ रही है.
फ्यूचरिसटिक अप्प्रोच
Royal Enfield के प्रेसिडेंट Rudratej Pratap ने कहा की कंपनी एक बिल्कुल नए इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल प्लेटफार्म पर काम कर रही है. और चूंकि भविष्य इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल्स का है, Royal Enfield इसपर पहले से ही काम कर रही है. ये बेहद मॉडर्न एप्रोच है और Royal Enfield को उम्मीद है की इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल के प्रचलन में आने तक वो इस प्रोडक्ट को तैयार कर लेगी. लेकिन हम सब Royal Enfield की सिग्नेचर आवाज़ को ज़रूर मिस करेंगे.