अवयस्कों द्वारा वाहन चलाना भारत की आम और गंभीर समस्याओं में से एक है। छोटे बच्चों के माता-पिता उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस और सही प्रशिक्षण के बिना सार्वजनिक सड़कों पर दो-पहिया और चार-पहिया गाड़ियों को चलाने देते हैं। कई बच्चे पकड़े नहीं जाते हैं, लेकिन कुछ अनुभवहीन अवयस्क चालक अनुभवहीनता और गलती के कारण पकड़ लिए जाते हैं। हाल ही में रिपोर्ट किया गया कि मुंबई के एक 14 साल के बच्चे ने अपने माता-पिता की Toyota Innova MPV से सोसायटी के गेट के बाहर ही ऑटोरिक्शॉ को टक्कर मार दी। इसी हादसे में, ऑटोरिक्शा को टक्कर मारने के बाद, उसने अपनी ही सोसायटी के एक वरिष्ठ नागरिक को भी टक्कर मारी और टक्कर के बाद वो वरिष्ठ नागरिक कार के साथ कुछ दूरी तक खिंच भी गए।
A 14-year-old hits a senior citizen at Nahar Amrit Shakti Road, Chandivali. Senior citizen is now advised to go on bedrest for the next 3 months. Parents penalised for 5K. This is a major safety concern for pedestrians when parents hand over their cars to kids. @CPMumbaiPolice… pic.twitter.com/TzkIJsr3wl
— Chandivali Citizens Welfare Association (CCWA) (@ChandivaliCCWA) September 13, 2023
इस पूरी घटना का वीडियो चंदिवली सिटिज़न्स वेलफेयर एसोसिएशन (सीसीडब्ल्यूए) ने अपने आधिकारिक पेज पर X (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया है। इस वीडियो की शुरुआत में नहर अमृत शक्ति रोड, चंदिवली, मुंबई के गेट से बाहर निकलते हुए एक वरिष्ठ नागरिक को दिखाया जाता है। इन वरिश्ठ नागरिक के पीछे एक 14 साल के बच्चे को Toyota Innova MPV चलते हुए देखा जा सकता है। जब व्यक्ति गेट से बाहर निकलता है और वहां पर पार्क किए गए ऑटोरिक्शॉ को पार करता है, तो Innova को भी मुख्य सड़क पर मुड़ते हुए देखा जा सकता है।
कार के मुड़ते ही, 14 साल का अवयस्क जो की इस कार को चला रहा था गाड़ी पर नियंत्रण खो देता है और ऑटोरिक्शॉ में टक्कर मार देता है। टक्कर मारने के बाद, वह नहीं रुकता है और अपने आगे जा रहे एक वरिष्ठ नागरिक जो इस सबसे बेखबर थे, को टक्कर मार देता है जिससे वो पीछे गिर जाते हैं। वो एक बार फ़िर से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनको Innova चलाने वाले बच्चे के द्वारा फिर से टक्कर लगती है। इसके बाद वीडियो में , बच्चे को घटनास्थल से फ़रार होते हुए देखा जा सकता है। इस प्रक्रिया में, वह पहले बाएं ओर फिर बिलकुल दाहिने ओर ड्राइव करता है, शायद वह अपनी गाड़ी के नियंत्रण पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा था।
इस अयंत्रित कार को देखकर कुछ मोटरसाइकिलिस्ट रुक जाते हैं। कुछ अन्य लोग भी उन वरिष्ठ व्यक्ति की सहायता करने के लिए आते हैं। बाद में सूचना आई कि उनका नाम के. सुभरमन है, वो किसी कॉर्पोरेट कानून कंपनी से सलाहकार के रूप में रिटायर हुए हैं। इसके साथ ही यह भी रिपोर्ट किया गया है कि उन्हें कुछ चोटें आई हैं जिनकी वजह से उन्हें अगले तीन महीनों के लिए पूर्ण रूप से बेड रेस्ट की सलाह दी गई है।
के. सुभरमन ने साकिनाका पुलिस को दिए अपने बयान में कहा, “लगभग 4 बजे, मैं अपनी बिल्डिंग से दूसरी तरफ की बिल्डिंग में टहलने के लिए जा रहा था, बच्चा गाड़ी चला रहा था। जैसे ही गाड़ी बिल्डिंग से बाहर निकली, उसने मुझे पीछे से टक्कर मारी और मैं गाड़ी के साथ थोड़ी दूरी तक खिंच भी गया। फिर गाड़ी सड़क की ओर मुड़ गई ” उन्होंने आगे कहा, “सुरक्षा गार्ड ने मेरी मदद की और मेरे बेटे और पत्नी को सूचित किया। वे तुरंत गेट की तरफ़ भागे। मैं खड़ा नहीं हो प् रहा था, इसलिए उन्होंने एम्बुलेंस को बुलवाया। मैं लगभद आधे घंटे तक ज़मीन पर पड़ा रहा। मुझे रीढ़ की हड्डी खासतौर से L1 में और हिप में चोट आई है। मैं खड़ा नहीं हो सकता और नहीं चल सकता। डॉक्टरों ने मुझे कम से कम तीन महीनों के लिए आराम करने की सलाह दी है।”
हादसे का परिणाम
हादसे में Toyota Innova ड्राइव कर रहे 14 साल के बच्चे का नाम नहीं दिया गया है। हालांकि, बच्चे के माता-पिता पर सोसायटी ने 5,000 रुपये की जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, साकिनाका पुलिस के पुलिस सब-इंस्पेक्टर (PSI) प्रकाश वागरे ने कहा, “हमने एफआईआर दर्ज नहीं किया है क्योंकि बच्चे की आयु 14 वर्ष है, वह किशोर है। हमने पीड़ित के बयान को दर्ज किया है और बच्चे के माता-पिता के बयान को भी। उन्हें कानूनी अनुशंसा के लिए बच्चों की संरक्षण परिषद (CWC) के पास भेजा गया है। हम उनकी रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
हादसे के बाद, सुभरमन के पास कार चला रहे 14 साल के बच्चे के माता-पिता के लिए कुछ गम्भीर और कठोर शब्द थे। उनके अनुसार, “बच्चा और उसके माता-पिता ने मेरे स्वास्थ्य के बारे में मुझसे पूछने के लिए मेरे पास आने का प्रयास तक नहीं किया। जब मैंने साकिनाका पुलिस से संपर्क किया, तो बच्चे की मां अस्पताल आई और उन्होंने मुझसे माफी मांगी। उसने यह भी कहा कि उसका बच्चा उसकी बात नहीं सुनता। माता-पिता भी हादसे के लिए जिम्मेदार हैं। पुलिस को माता-पिता को गिरफ्तार करना चाहिए। माता-पिता की अपने बच्चे के प्रति पूरी ज़िम्मेदारी होती है।”