इंडिया जुगाड़ का देश है और ड्राइविंग लाइसेंस में जुगाड़ भी हमारे देश में खूब चलता है. जहां ज़रूरी टेस्ट और प्रक्रिया लागू होती है, ये कोई छिपी हुई बात नहीं है की कई भारतीय जुगाड़ की ज़रूरी प्रक्रिया से कई लोग लाइसेंस प्राप्त कर लेते हैं. ऐसे ड्राईवर को सही ट्रेनिंग नहीं मिलती है चूंकि अधिकांश लोग अपने रिश्तेदारों से ही ड्राइविंग सीख लेते हैं. इसके चलते वो सही से ड्राइविंग नहीं सीख पाते जिससे सड़क पर गाड़ी कैसे चलानी है ये उन्हें पता नहीं चल पाता. यही कारण है की आपको रोड पर ऐसे लोग मिल जायेंगे जो बिना मतलब के हॉर्न बजाते हैं या बिना मतलब के क्लच दबाये रहते हैं. ये कहना कोई गलत बात नहीं होगी की कई इंडियन ड्राइवर्स को बेहद बेहूदी चीज़ें करने की आदत होती है.
Ford Motor Company ने एक सर्वे कराया था जिसने एशिया-प्रशांत के 11 देशों में 9,500 ड्राइवर्स के सवाल किये गए. इन 9,500 ड्राइवर्स में से 1,023 इंडियन थे. इस सर्वे से मिले आंकड़ों के अनुसार, पेश हैं माइलेज के बारे में 8 बेहूदी बातें जिनपर भारतीय भरोसा करते हैं.
तेज़ एक्सिलिरेशन माइलेज पर असर नहीं डालती
ये कुछ ऐसा है जो इंडिया में कम से कम 40% of ड्राइवर्स मानते हैं. ये मजेदार तो होता है लेकिन माइलेज पर प्रभाव डालता है. हम में से कई लोग नहीं जानते की तेज़ एक्सीलीरेशन या इंजन को बिना मतलब रेव करना कार के माइलेज पर बुरा असर डालता है.
इंजन को ऐसे ही चालू रखना माइलेज पर असर नहीं डालता
मानिए या ना मानिए लेकिन ये बात सामने आई है की इंडिया में 26% ड्राइवर्स मानते हैं की खड़े रहते वक़्त इंजन चालू रखना उसे बंद रखने से अलग नहीं होता. लेकिन असल में इंजन बंद करने से ज़्यादा फ्यूल बचता है.
क्रूज़ कण्ट्रोल का माइलेज से कोई वास्ता नहीं
इंडिया के 78% ड्राइवर्स का मानना है की क्रूज़ कण्ट्रोल माइलेज पर असर नहीं डालता. क्रूज़ कण्ट्रोल स्पीड बरकरार रखने का एक जरिया होता है और इससे इंजन बिना मतलब के एक्सीलीरेशन नहीं होने के चलते काफी फ्यूल बचाता है.
सिर्फ 27% ड्राइवर्स को GPS देखना आता है
घर से निकलने से पहले GPS चेक करना एक अच्छी आदात होती है. इंडिया में इन्टरनेट का परचम भी लहरा रहा है लेकिन फिर भी इंडिया के लोग GPS से कतरा रहे हैं. GPS की मदद से आप ट्रैफिक वाले जगह जाने के बजाय दूसरे रास्ते जा सकते हैं. धीर-धीरे चल रही ट्रैफिक में फँस जाना माइलेज कम करने का सबसे अच्छा तरीका होता है.
52% ड्राइवर्स को नहीं पता की पहाड़ी इलाकों में माइलेज कम हो जाता है
पहाड़ी सड़कों पर रोड ऊपर और नीचे जाती रहती है जिससे इंजन को हमेशा ज़्यादा काम करना पड़ता है. ये बात कार के माइलेज पर असर डालती है. ऐसे में सपाट जगहों के मुकाबले पहाड़ी इलाकों में आपकी कार ज़्यादा फ्यूल इस्तेमाल करने लगती है.
73% लोगों को पता नहीं था ठंडा मौसम गाड़ी के माइलेज पर असर डालता है, वहीँ 63% को नहीं पता था गर्म मौसम भी माइलेज पर असर डालता है
हर इंजन का एक तापमान होता है जिसपर वो सबसे अच्छा परफॉर्म करता है. ठण्ड के मौसम में इस तापमान पर पहुँचने में ज़्यादा समय लगता है जिससे माइलेज कम होती है. वहीँ गर्मी में एसी के इस्तेमाल के चलते माइलेज कम होता है.
साथ ही तेज़ रफ़्तार पर चलाने से हवा की अवरोधक क्षमता बढ़ जाती है जिससे माइलेज कम होता है. लेकिन, खिड़कियाँ चढ़ाकर और एसी के इस्तेमाल से इसे कम किया जा सकता है. लेकिन कम स्पीड पर माइलेज बढाने के लिए एसी बंद कर खिड़कियाँ खोल लेना बेहतर होता है.
65% ड्राइवर्स को नहीं पता गाड़ी से भारी चीज़ें हटाने पर माइलेज बढ़ेगी
ये एक बड़ी आम सी बात है की जितना वज़न आपकी गाड़ी का होगा उसका माइलेज उतना ही कम होगा. लेकिन अधिकांश लोग अपने कार को बैंक का लॉकर बना लेते हैं जिससे कार की माइलेज कम हो जाती है. इसलिए सबसे बेहतर होगा की अपनी कार से गैर-ज़रूरी चीज़ें हटा लीजिये. कम वज़न से माइलेज बढ़ेगा.
सिर्फ 33% ड्राइवर्स को पता है की समय पैर सर्विस से गाड़ी का माइलेज अच्छा होगा
ये बड़ी आम सी बात लगती है की रेगुलर सर्विसिंग से कार सही हालत में रहती है लेकिन सिर्फ एक-तिहाई कार ओनर इसका पालन करते हैं. रेगुलर सर्विसिंग जैसे आम से कदम से आपकी कार सही हालत में रहती है और इसकी माइलेज भी सही रहती है.