Skoda India ने अभी हाल ही में भारत में अपने नए टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन का परीक्षण शुरू किया है. इस काम के लिए कंपनी ने इंजन को देश में अपनी सर्वाधिक सफल गाड़ी Rapid C-Segment sedan में लगाया है. Skoda Rapid 1.0 TSI कंपनी की तरफ से भविष्य में लॉन्च होने वाली कार्स की एक झलक देता है. इस 1-लीटर TSI टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन में 3-सिलिंडर यूनिट हैं. यह भविष्य में लांच होने वाली उन सभी Volkswagen और Skoda कार्स में इस्तेमाल होगा जो MQB AO प्लेटफार्म पर आधारित हैं. ये वो कार्स होंगी जो बाज़ार में अभी उपलब्ध Skoda Rapid और Volkswagen Vento को रिप्लेस करेंगी. इसके साथ ही इन दोनों ब्रैंड की 2020 के बाद बाज़ार में लांच होने वाली SUVs में भी इसी इंजन का इस्तेमाल होगी.
इस इंजन से अधिकतम 115 बीएचपी पॉवर और 200 एनएम टॉर्क पैदा होता है जो की सामान्य से काफी अधिक है. दरअसल Skoda और Volkswagen दोनों ही बाज़ार में अभी उपलब्ध अपने सभी पेट्रोल और डीजल इंजन्स को इस नए 1-लीटर TSI टर्बोचार्ज्ड संस्करण से रिप्लेस करना चाहती हैं. उम्मीद की जा रही है की Skoda इस इंजन को देश में ही बनाएगी ताकि इसके बनने और रख-रखाव में आने वाला खर्चा कम से कम हो.
इंजन के साथ मन्युअल और ट्विन-क्लच ऑटोमैटिक गियरबॉक्स विकल्प दोनों मौजूद होंगे. इसके साथ ही इंजन को इस तरह बनाया गया है की इसमें हाइब्रिड पॉवरट्रेन सिस्टम का इस्तेमाल किया जा सके. ऐसा करना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि भविष्य में भारत में नए एमिशन नियम लागू होने के बाद इनकी ज्यादा से ज्यादा ज़रुरत महसूस होगी.
ध्यान रहे की इस नए 1-लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन को Bharat Stage 6 एमिशन नियमों के तहत बनाया गया है. ये भारत में अप्रैल 2020 से लागू होंगे. ये एमिशन नियम ही वजह है की Skoda और Volkswagen अपने अभी मौजूदा पेट्रोल और डीजल इंजन को बंद करने की योजना बना रहे हैं.
Skoda को MQB A0 प्लेटफार्म विकसित करने और भारत में इसका निर्माण का जिम्मा दिया गया है. ये MQB पर आधारित एक लो-कोस्ट कार प्लेटफार्म है. ये नया प्लेटफार्म भारत में 10 लाख रूपए से कम की सभी Skoda और Volkswagen कार्स में इस्तेमाल होगा. दूसरे उभरते बाज़ारों में भी यही प्लेटफार्म इस्तेमाल होने की उम्मीद है.
सोर्स — ThrustZone