गुज़रे समय के मुकाबले नए ज़माने की कार्स स्लीक, तेज़ एवं और भी ज्यादा सेफ होती जा रही हैं. पिछले एक दशक में सेफ्टी के मामले में बड़े बदलाव हुए हैं और कई सारे निर्माता अब ड्राईवर साइड एयरबैग भी स्टैण्डर्ड के रूप में ऑफर कर रहे हैं. इंडिया में भी नए कार्स में न्यूनतम सेफ्टी ज़रूरतों के नए नियम लागू होने वाले हैं. हमारी राय में ये एक बेहतरीन कदम है. लेकिन अगर अपने साथ-साथ ही रोड पर चल रहे बाकी लोगों के लिए अपनी 10 साल से ज्यादा पुरानी कार को सेफ बनाना चाहते हैं तब क्या?
हम आज भी Maruti Esteem, Hyundai Santro, Tata Indica और फर्स्ट जनरेशन Honda City को रोड पर चलते हुए देख सकते हैं खासकर छोटे शहरों में. अगर आप गाँव के इलाकों में चले जायेंगे तो आपको पुरानी Ambassador, Toyota Qualis और यहाँ तक की Maruti 800 भी दिख जाएगी. तो अगर आप इनमें से किसी एक के मालिक हैं सबसे बड़ा सवाल इनके सेफ्टी को लेकर है. और आप अपनी पुरने कार को रोड के लिए ऐसे सेफ बना सकते हैं.
अपनी ड्राइविंग स्टाइल बदलिए
ये सबसे ज़रूरी पहलू है. समय बदल गया है और औसत स्पीड के साथ ही रोड पर कार्स की संख्या भी बढ़ रही है. ड्राईवर होने के नाते आपको अनहोनी के लिए और भी ज्यादा सतर्क रहना होगा. ये सब दिमाग का खेल है अगर आप बेवक़ूफ़ ड्राईवर्स के लिए मानसिक रूप से तैयार रहेंगे तो आपके एक्सीडेंट से बचे रहने की संभावनाएं ज्यादा होंगी. जल्दी ब्रेक लगाइए, अक्सर रफ़्तार धीमी करते रहिये, और मिरर्स के द्वारा सड़क पर नज़र बनाये रहिये.
एक्सटर्नल चीज़ें
अपने लाइट्स में लिए नए और ज्यादा ब्राइट बल्ब लगाइए ये आपको रात के समय बेहतर विसिबिलिटी उपलब्ध कराएँगे. उसी तरह, ये बात ज़रूर सुनिश्चित कीजिये गाडी के टेल लैंप और पार्किंग लाइट्स सही से काम कर रही हैं ताकि आपकी कार को दुसरे लोग भी अच्छे से देख पाएं. और कई पुरानी कार्स में बायीं ओर मिरर नहीं हुआ करता था, इसे ज़रूर खरीदिये ये आपको बायीं ओर से आ रही ट्रैफिक पर नज़र रखने में मदद करेगा.
समय के साथ रबर ज्यादा कड़ा हो जाता है — पुराने टायर्स को ज्यादा चौड़े और बेहतर ग्रिप वालों से रीप्लेस कीजिये. आप ज्यादा ट्रैक्शन और ग्रिप से ज़रूर चौंक जायेंगे, खासकर तब जब आप इमरजेंसी ब्रेक लगा रहे होंगे. अधिकतर पुराने कार्स में ABS नहीं हुआ करता था और इसी बात के चलते इसकी ज़रुरत पड़ती है. चौड़े टायर्स से आपकी कार और भी ज्यादा बेहतर भी दिखेगी!
मैकेनिकल अपग्रेड
यहाँ हाँ ब्रेक्स से शुरुआत करेंगे — समय के साथ प्रेशर के चलते ब्रेक लाइन्स डैमेज हो सकती हैं और इसीलिए ज़रूरी है की आप अपने पूरे ब्रेक लाइन सेटअप को रीप्लेस करें, हो सके तो स्टील ब्रेडेड केबल से. उसके बाद नए सिरेमिक ब्रेक पैड्स इस्तेमाल कीजिये. और बेहतर परफॉरमेंस के लिए आप रोटर्स को क्रॉस-ड्रिल भी कर सकते हैं.
दूसरा काम है सस्पेंशन का, और हमारी बात मानिये, ये मौके पर अहम भूमिका निभाते हैं. समय के साथ सस्पेंशन बुश में टूट-फूट होती है और ऐसे में हार्ड ब्रेकिंग या आपातकालीन समय में कार एक ओर ज्यादा खींचती है. नया सस्पेंशन महंगा होगा लेकिन बेहतर होगा, और ये आपको ज़रुरत के वक़्त तेज़ रफ़्तार पर भी बेहतर कण्ट्रोल देगा. यही बात एंटी-रोल बार लगाने पर भी लागू होती है.
अन्दर की ओर
पुराने कार्स में अन्दर की ओर खुला मेटल हुआ करता था और एक्सीडेंट के दौरान ये सेफ नहीं होता है. इसे फोम जैसे कुशन वाले मटेरियल से ढंक देना चाहिए. यही बात तीखे धार वाले या ऐसी चीज़ें जो एक्सीडेंट के दौरान तितर-बितर हो सकती हैं के लिए लागू होती है. सीटबेल्ट बेहद ज़रूरी होते हैं और अगर आपके कार में इनर्शिया-व्हील वाली सीत्बेल्ट्स नहीं हैं तो इन्हें ज़रूर लगवाइये. वहीँ विंडो को ट्रांसपेरेंट फिल्म से ढकना भी एक बेहतरीन आईडिया है. ये इस बात को सुनिश्चित करेगा की क्रैश के दौरान खिड़की की कांच टूटने पर वो इधर उधर न बिखरे.
गैजेट्स
भीड़-भाड़ वाली जगह में पार्किंग या ड्राइविंग के दौरान रियर-व्यू कैमरा बहुत उपयोगी साबित होता है. ये न सिर्फ आपको दूसरे कार्स से टकराने से बचाता है बल्कि रोड पर चल रहे लोगों से टकराने से भी बचाता है. हालांकि ये नहीं ही इसेमाल करना चाहिए लेकिन गाडी में कॉल्स के लिए एक ब्लूटूथ हेडसेट में इन्वेस्ट कीजिये.