भारत में इस अमेरिकन ब्रांड की सबसे किफायती गाड़ी Jeep Compass काफी ज्यादा मशहूर हो गयी है. Jeep Compass के मासिक सेल्स आंकड़े औसतन 1,200 यूनिट्स पर स्थिर हैं और ये फिलहाल भारत में FCA की बेस्ट सेलिंग गाड़ी है. Jeep Compass में 4X2 और 4X4 दोनों ऑप्शन्स मिलते हैं लेकिन इसके सेल्स का एक बड़ा हिस्सा 4X2 वैरिएंट से आता है. एक खालिस SUV होने के नाते, Jeep Compass के कस्टमर्स इसे एक ऑफ-रोडिंग गाड़ी के रूप में देखते हैं. लेकिन, क्या एक 4X2 Jeep Compass सीढ़ियों से उतर सकती है? पेश है एक विडियो जो इसी बात को दर्शाता है.
सीढ़ियाँ उतरती Jeep Compass Sport
विडियो में पेश की गयी गाड़ी Jeep Compass Sport वैरिएंट है जो इस SUV का एंट्री लेवल वर्शन है और ये केवल 4X2 सेटअप में उपलब्ध है. ये विडियो Jeep Compass को सीढ़ियों से नीचे उतारते हुए इसकी काबिलियत पेश करने की कोशिश करता है. ये सीढियां भी एक Jeep डीलरशिप की ही हैं!
हम Jeep Compass को बड़े एहतियात के साथ सीढ़ियों से उतारते हुए देख सकते हैं. ड्राईवर पहले दाहिने तरफ के टायर को नीचे उतारता है और फिर गाड़ी को एक एंगल से नीचे उतारने की कोशिश करता है. ये इस बात को सुनिश्चित करता है की गाड़ी अपने ग्राउंड क्लीयरेंस का पूरा इसेमाल करे और आगे एवं पीछे दोनों तरफ एक चक्का ज़मीन पर बना रहे. इस तरीके से गाड़ी को सबसे ज्यादा स्थिरता मिलती है.
Jeep Compass बिना किसी दिक्कत और अंडरबॉडी स्क्रैच के सीढ़ियों से नीचे उतर आती है. Jeep Compass का ग्राउंड क्लीयरेंस 205 एमएम है, जो काफी ज्यादा है. हालांकि यहाँ बेहद कम सीढियां थीं, लेकिन ये काफी खड़ी थीं और यहाँ दिक्कतें भी आ सकती थीं. लेकिन, अगर आप ऐसा कुछ करने जा रहे हैं तो आपको कुछ बातें अपने दिमाग में ज़रूर रखनी चाहियें.
ये खतरनाक कैसे है?
विडियो में तो ये काफी आसान दीखता है, लेकिन कार के लिए यहाँ बड़ी मुश्किलें खड़ी हो सकती थीं. Jeep Compass में Independent Front Suspension (IFS) है जो एक्सल के दुसरे चक्के पर बिना प्रभाव डाले हिल सकता है. ऐसे सस्पेंशन के चलते गाड़ी रोड पर स्थिर रहती है एवं ज्यादा आरामदायक राइड देती है. लेकिन हर तरह के IFS का अधिकतम ट्रेवल होता है और वो इससे ज्यादा नहीं दब सकते, इससे ज्यादा दबने पर वो गाड़ी के सस्पेंशन को डैमेज कर सकते हैं. अगर गाड़ी सीधी से उतारते हुए ज्यादा मुडती है तो IFS सीधे टूट भी सकता है.
साथ ही, गाड़ी के स्पीड पर भी काफी कुछ निर्भर करता है. अगर कार तेज़ रफ़्तार पर है और ड्राईवर इसे आराम से नहीं उतार रहा है, तो धक्के गाड़ी के स्टीयरिंग और बाकी ज़रूरी पार्ट्स को डैमेज कर सकते हैं. साथ ही अगर गाड़ी का ब्रेक-ओवर एंगल कम है तो इससे अंडरबॉडी के साथ ही ट्रांसमिशन भी डैमेज हो सकता है. गाड़ी का ब्रेक-ओवर एंगल इसके ग्राउंड क्लीयरेंस और व्हीलबेस पर निर्भर होता है. साथ ही, अगर अगर उतारते हुए गाड़ी का डिपार्चर एंगल कम है तो बम्पर डैमेज हो सकते हैं.
तो क्या आपको ऐसा नहीं करना चाहिए?
ये जितना दिखता है, उतना आसान है नहीं. केवल ठीक-ठाक ऑफ-रोडिंग किये हुए अनुभवी लोगों को ही गाड़ी के साथ ऐसे स्टंट को करना चाहिए. ऐसे जगह जहां आपको आगे की सतह नहीं दिख रही, वहां बाहर के दिशा बताने वाले इंसान का खड़ा रहना भी बेहद ज़रूरी होता है.