बुल-बार्स पर पाबंदी को लागू करने पर बढे हुए फोकस के चलते, कई शहरों में ट्रैफिक पुलिस ने उल्लंघन करने वालों को पकड़ कर उनपर फाइन लगाना शुरू कर दिया है. इस ट्रेंड में लेटेस्ट है Chandigarh Traffic Police, जो पहले ही इस देश की सबसे स्ट्रिक्ट ट्रैफिक पुलिस के नाम से जानी जाती है. Chandigarh के ट्रैफिक पुलिस ने घोषणा की है की उसने गाड़ी पर बुल बार लगाने के मामले में कुल 300 लोगों को गिरफ्तार किया है. हर उल्लंघनकर्ता से 1000 रूपए का जुर्माना वसूला गया. ट्रैफिक पुलिस के सूत्रों ने कहा की “चालान की गयी गाड़ियों का एक बड़ा हिस्सा SUV श्रेणी में आता है. कुछ भारी गाड़ियाँ जैसे Tata 407 और मिनी ट्रक्स को भी चालान किया गया. पीछे की ओर क्रेश गार्ड ठीक है लेकिन आगे की ओर बुल बार्स लगाना एक जुर्म है.” ये कहा जा रहा है की चालान किये गए गाड़ियों में चंडीगढ़ और पडोसी पंजाब और हरियाणा की गाड़ियाँ हैं.
Chandigarh (UT) के DIG Dr O P Mishra ने कहा की “क्रैश गार्ड के खिलाफ चालान अभियान के दौरान हमने पाया की लोग इस बात से अवगत नहीं थे की क्रैश गार्ड लगाना ट्रैफिक जुर्म है. इस बात के चलते हमने इस उल्लंघन को अपने जागरूकता अभियान में शामिल कर लिया है जो कई शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी दफ्तरों, मार्केट एवं अन्य पब्लिक प्लेसेस पर आयोजित की जाती हैं. लोगों को इस उल्लंघन के बारे में जागरूक करने की ज़रुरत है.” शहर Sector 28 में मोटर मार्केट में कार एक्सेसरी के एक डीलर ने कहा है की “जब से क्रैश गार्ड्स पर बैन लगाया गया है लोगों ने उन्हें खरीदना बंद कर दिया है. लोग इसे खरीदा करते थे खासकर के पंजाब के लोग. लेकिन अब लोग इसे सिर्फ पीछे की ओर लगाने की ओर रुझान रखते हैं.”
बुल-बार्स के खिलाफ अभियान ने तब तेजी पकड़ी जब Ministry of Road Transport and Highways (MORTH)ने इंडिया के सभी राज्यों के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर्स को एक चिट्ठी भेजी की उन्हें कार्स में बुल बार के इस्तेमाल को खत्म करने को लेकर कदम उठाने होंगे. यहाँ इस बात का ध्यान रखना चाहिए की Motor Vehicles Act के तहत बुल बार्स का इस्तेमाल गैरकानूनी है. इसलिए, बुल बार लगे हुए कार्स और SUVs के ओनर को फाइन देना ही पड़ेगा. इंडिया में और भी कई राज्य जिसमें Delhi, Gujrat, Jharkhand, Maharashtra और Tamilnadu शामिल हैं, ने अपनी गाड़ी पर बुल बार लगाने वाले कार्स और SUV ओनर्स को फाइन करना शुरू कर दिया है. बुल बार्स कार के सेफ्टी फ़ीचर्स के काम करने में बाधा डालते हैं, उनके चलते क्रम्प्ल जोन और एयरबैग काम नहीं करते. एक कार एक्सेसरी डीलर और निर्माता ने इस बैन को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है. कोर्ट ने इसपर पाना फैसला अभी तक सुनाया नहीं है.