कानपुर में महिंद्रा ग्रुप चेयरमैन आनंद महिंद्रा और 12 अन्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। शिकायत में यह आरोप है कि Mahindra Scorpio SUV की सुरक्षा के संबंध में “झूठा आश्वासन” दिया गया। सुरक्षा फीचर्स में कमी के कारण शिकायतकर्ता के बेटे की दुर्घटना में मौके पर ही मृत्यु हो गई।
राजेश मिश्रा, जिनके पुत्र डॉ. अपूर्व मिश्रा की 14 जनवरी 2022 को हुई एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई। उन्होंने एक स्थानीय न्यायालय में जाकर एफआईआर दर्ज की, जिसके बाद मामले को दर्ज करने का आदेश दिया गया। कानपुर के रायपुरवा पुलिस थाने में जिन लोगों पर एफआईआर हुई उनमें से कार डीलरशिप के प्रबंधक एवं आनंद गोपाल महिंद्रा भी हैं।
FIR registered against Mahindra chairman in Kanpur, UP.
Rajesh Mishra, a UP's Kanpur resident, gifted Mahindra Scorpio to his son Apoorv Mishra. On 14 January 2022, Apoorv returning to Kanpur from Lucknow in Scorpio met with an accident and died. He was wearing the seat belt… pic.twitter.com/7Pk3q9Mbgr
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) September 25, 2023
मिश्रा की शिकायत में यह दर्ज है कि उन्होंने 2 दिसंबर 2020 को 17.39 लाख दे आकर एक काले Mahindra Scorpio SUV को खरीदा। उन्होंने आनंद महिंद्रा के आत्म-विज्ञापनों और सोशल मीडिया पोस्ट्स को देखकर ही यह कार खरीदी थी। उन्होंने यह कार कंपनी द्वारा किये गए सुरक्षा दावों को ध्यान में रख कर खरीदी और इसे फिर अपने एकमात्र बेटे को भेंट किया ।
उस दिन, 14 जनवरी 2022, डॉ. अपूर्व मिश्रा अपने दोस्तों के साथ लखनऊ से कानपुर लौट रहे थे। कोहरे के कारण, गाड़ी एक डिवाइडर से टकराई, कई बार पलट भी गई, और दुखद तरीके से, डॉ. अपूर्व की मृत्यु घटना स्थल पर ही हो गई। यहाँ पर गौरतलब है कि दुर्घटना के समय सभी लोगों ने सीट बेल्ट पहनी हुई थी।
दर्ज एफ़आईआर में कहा गया है कि डीलरशिप और कंपनी के विज्ञापनों ने उन्हें गुमराह किया। उन्हें बाद में यह पता चला कि कार में एयर बैग्स थे ही नहीं। इसमें आगे यह भी कहा गया है कि सीट बेल्ट पहनने के बावजूद भी गाड़ी के एयरबैग्स नहीं खुले और परिणाम स्वरुप दुर्घटना में डॉ. अपूर्व की असमय मृत्यु हुई।
इस एफआईआर को भारतीय दण्ड संहिता के विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है, जिसमें धोखाधड़ी, मशीनरी के संबंध में लापरवाह व्यवहार, जानबूझ कर अपमान, लापरवाही से मृत्यु, शांति के उल्लंघन के इरादे से अपमान, आपराधिक धमकी, चोट पहुंचाने की धमकी के साथ आपराधिक धमकी आदि शामिल हैं।
मामले की जाँच आरंभ हो चुकी है, और कानपुर के रायपुरवा के एसएचओ अमन सिंह ने पुष्टि की है कि खोज के आधार पर और कार्रवाई की जाएगी। सिंह ने कहा, “मामले की जाँच कोर्ट के आदेश के बाद हुई है। हमने मामले की जाँच करना शुरू कर दिया है, और जल्द ही और जानकारी साझा करेंगे।”
एयरबैग्स क्यों नहीं खुले?
इस घटना की ख़बरों में एक बिंदु है जो हमें भ्रमित करता है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि गाड़ी में कोई एयरबैग लगे ही नहीं थे। हमारा मानना है की इसकी संभावना काफ़ी कम है – लेकिन एक सम्भावना यह भी हो सकती है की रिपोर्ट ने आरोपों के वर्णन में कोई त्रुटि हो गई हो।
ऐसी बहुत सारी घटनाएं पहले भी हुई हैं जिनमें दुर्घटना के दौरान एयरबैग नहीं खुले। इनके काम नहीं करने के कई कारण हो सकते हैं। हमने इस विषय पर पहले भी विस्तार से लिखा है। कार में मॉडिफिकेशन्स, सीट बेल्ट नहीं पहनना, टक्कर से प्रभावित क्षेत्र, और प्रभाव की गति कुछ कारण हैं जिनके कारण एयरबैग काम नहीं कर सकते हैं। हालांकि सही कारण तो पूरी जांच के बाद ही पता चल सकता है। हमें जब भी इस मामले से सम्बंधित जानकारी प्राप्त होगी, , तो हम उसे आप तक ज़रूर लाएंगे।”