आप ट्रैफिक नियम तोड़ने के लिए जेल जा सकते हैं, भले ही आपने पहली बार ये नियम क्यों ना तोड़ा हो. हैदराबाद में कुछ ऐसा ही हो रहा है, और वहां के ट्रैफिक नियम काफी सख्त किये जा रहे हैं. हाल में ही एक इंसान को बिना लाइसेंस मोटरसाइकिल चलाने के लिए जेल भेज दिया गया और उसे वहां बाकी जुर्मों के लिए सज़ा काट रहे कैदियों के साथ 4 दिन बिताने पड़े.
बिना वैध लाइसेंस के लिए पकड़े गए और उसके बाद पहली बार ही नियम तोड़ने के चलते जेल गए एक इंसान ने TheNewsMinute से ये कहा,
मैं बहुत डरा हुआ था. रात में हम उम्रकैद की सजा काट रहे कैदियों को उनके कमरे में चिल्लाते हुए सुन सकते थे. एक दूसरे दिन एक इंसान ने कांच की खिड़की में अपना सर मार लिया और एक कांच के टुकड़े को पकड़ सबके पीछे भागने लगा. मुझे लगा था की मुझे केवल कोर्ट में जुर्माना भरना पड़ेगा. लेकिन केस की सुनवाई के वक़्त जज ने मेरी तरफ देखा भी नहीं. वो ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले हर इंसान को जेल भेज रहा था. कुछ लोगों को केवल हाथ नहीं उठाने के लिए दो अतिरिक्त दिन जेल में रहना पड़ा. दूसरी बार नियम तोड़ने वाले कुछ लोगों को 20 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया.
शराब के नशे में गाड़ी चला रहे एक IT कर्मी को 4 दिन के लिए जेल भेजा गया. शराब के नशे में दुबारा कभी गाड़ी नहीं चलाने की कसम खाते हुए उन्होंने Cherlapally जेल में अपने समय के बारे में ये कहा,
मैं ज़िन्दगी में कभी भी दुबारा शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाऊंगा. मुझे उन्हें इस बारे में पता नहीं चलने देना. मैंने अपने ऑफिस में भी इस बारे में नहीं बताया, बस 4 दिन की छुट्टी ले ली. लेकिन मुझे डर है की मेरे ऑफिस में लोगों को पता चल जाएगा, मैंने सुना है की अब पुलिस एक कर्मी के शराब के नशे में गाड़ी चलाते हुए पकडे जाने के बाद ऑफिस के HR डिपार्टमेंट में चिट्ठी भेजती है. मैं नहीं चाहता किसी को इससे गुज़रना पड़े. वहां का खाना घटिया था और शौचालय बेहद गंदे. रात को काफी ज़्यादा ठंड थी और हमें पर्याप्त कम्बल भी नहीं दिए गए थे. पहले हमसे कहा गया था की हम कूपन खरीद इसे जेल के कैन्टीन में इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन कैंटीन मुश्किल से आधे घंटे के लिए खुली रहती है. मैंने 1,000 रूपए खर्च कर कूपन खरीदे जो इस्तेमाल नहीं किये जा सके लेकिन वापस आते हुए मैं उसे जेल के दूसरे लोगों को दे आया.
साथ ही, हैदराबाद में पहली बार नियम तोड़ने वालों को जेल केवल Kukatpally की एक कोर्ट में भेजा जा रहा है, और कहा जा रहा है की वहां के जज बेहद सख्त है. वहां जज नियम को शाब्दिक रूप से लागू कर रहे हैं, और पहली बार नियम तोड़ने वालों को कोई रियायत नहीं दे रहे हैं, इन्हें आमतौर पर केवल जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाता है.
साइबराबाद के ट्रैफिक असिस्टेंट कमिश्नर Chandrashekar ने कहा,
मैं देख रहा हूँ की पहली बार नियम तोड़ने वालों को केवल Kukatpally कोर्ट से ही जेल भेजा जा रहा है. मैं शहर के बाकी कोर्ट्स में ऐसा चलन नहीं देख रहा. Kukatpally कोर्ट के जज क़ानून के पालन कर रहे हैं, और वो दंड क़ानून के तहत ही दे रहे हैं. हर किसी को क़ानून का पालन करना चाहिए.
जहां पकड़ने के बजाय पहली बार नियम तोड़ने वालों को जेल भेजने का चलन हैदराबाद के बाकि कोर्ट्स में अभी तक नहीं पहुंचा है, या बाकी के शहरों में भी नहीं पहुंचा है, ये भविष्य में एक आम चलन बन सकता है. देशभर में ट्रैफिक बढ़ रहा है और साथ ही ट्रैफिक के उल्लंघन का स्तर भी.
भारत के कई शहरों में ट्रैफिक काफी ज़्यादा अस्त-व्यस्त रहता है जहां अधिकांश राइडर्स और ड्राइवर्स कानून और सड़क पर चलने वाले वाले दूसरे लोगों के प्रति बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते. अगर देशभर के बाकी ट्रैफिक कोर्ट में जज क़ानून का सख्ती से पालन करने लगें तो भारत की पहले से ही भरी हुई जेलों में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की भरमार हो जायेगी.
जहा तक हैदराबाद की बात है तो ट्रैफिक निय्हम तोड़ने वालों को अब तक साफ़-साफ़ संदेश मिल चूका होगा. पहली बार नियम तोड़ने वालों को भी जेल जाते हुए देख हो सकता है की बाकी लोग नियम का पालन करने लगें और सड़क पर नियमों का पालन करते हुए चलें.