अमरीकी कार निर्माता कम्पनी Ford को Henry Ford ने 115 साल पहले 1903 में स्थापित किया था. Ford का भारत में पहली बार आगमन 1926 में हुआ लेकिन 1954 में इस कंपनी ने देश से अपने कदम खींच लिए. Ford ने भारतीय बाज़ार में 1995 में वापसी की और Mahindra की सहभागिता के साथ Mahindra Ford India Limited के रूप में देश में खुद को स्थापित किया. अपनी वापसी के तीन साल के अंदर-अंदर Ford इस संयुक्त उपक्रम का अकेले स्वामी बन गया और कंपनी का नाम बदल कर Ford India Private Limited कर दिया गया. अक्टूबर 1995 में अपनी वापसी के बाद इन 23 सालों में Ford ने भारतीय बाज़ार में अनेकों गाड़ियों को लॉन्च किया है. जहाँ एक ओर इनमें से कई गाड़ियों ने बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया है, कुछ को अब जनता द्वारा भुला दिया गया है. इस लेख में हम Ford India की ऐसी ही 5 भुला दी गईं कार्स पर एक नज़र डालेंगे.
Ford Escort
Escort वह पहली कार थी जिसको Ford ने 1995 में अपनी वापसी के बाद भारतीय कार बाज़ार में उतारा था. इस बड़े आकार की Escort sedan का प्रोडक्शन 1996 से 2001 के बीच जारी रहा और इस गाड़ी को एक 1.6-लीटर पेट्रोल इंजन और एक 1.6-लीटर डीज़ल इंजन विकल्पों के साथ बेचा जाता था. Escort को अनेकों फीचर्स के साथ उपलब्ध कराया जाता था जैसे पॉवर स्टीयरिंग, बिजली से चलने वाली सामने की विंडो, ORVMs, एयर कंडीशनिंग, और एक म्यूजिक सिस्टम. Ford Escort की पीछे की सीटों में काफी खुली-खुली जगह हुआ करती थी साथ और ही इसका बूट स्पेस भी बहुत बड़ा था.
Ford Fusion
Ford Fusion भारत में लॉन्च की गई सबसे पहली क्रॉसओवर कार थी. 2004 में लॉन्च की गई Fusion का उत्पादन 2010 तक जारी रखा गया. Ford अपनी Fusion क्रॉसओवर को तीन इंजन विकल्पों में उपलब्ध कराती थी — 1.4-लीटर पेट्रोल, 1.4-लीटर डीज़ल, और 1.6-लीटर पेट्रोल. Fusion को बहुत ही व्यावहारिक गाड़ी के तौर पर देखा जाता था और यह गाड़ी बड़े भारतीय परिवारों के लिए बिल्कुल उपयुक्त हुआ करती थी. मगर इसकी hatchback स्टाइल के कम ही लोग दीवाने थे. जिन लोगों को SUVs और उस प्रकार की स्टाइलिंग से लगाव था वे इससे किनारा करते ही नज़र आये.
Ford Fiesta S
Ford Fiesta S भारत में अमरीकी कार निर्माता द्वारा लॉन्च किया गया Fiesta sedan का एक विशेष संस्करण था. Fiesta S में इसकी मूल sedan की बढ़िया हैंडलिंग वाले गुण को लेकर इसे एक बिल्कुल नए स्तर पर पहुँचाया गया था. Fiesta S में एक बॉडी किट, एक नए रंग का विकल्प, और एक बेहतर स्तर का सस्पेंशन सेटअप लगाया गया था. इस गाड़ी में इसके मूल मॉडल वाला 1.6-लीटर इंजन ही मौजूद था जो हर कार चालक ने पसंद था क्योंकि यह 100 बीएचपी पॉवर और 145 एनएम टॉर्क पैदा करने की क्षमता रखता था. Fiesta S बहुत थोड़ी ही मात्रा में बिक पाई और आजकल इस गाड़ी के सड़कों पर गाहे-बगाहे ही दर्शन होते हैं.
Ford Fiesta Facelift
2014 में Ford अपनी Fiesta sedan के डिज़ाइन में इस कारण बदलाव किए क्योंकि कंपनी इस गाड़ी को अपने नए कॉर्पोरेट डिज़ाइन के जैसी लुक्स देना चाहती थी. इस फेसलिफ़्ट sedan में एक Aston Martin से प्रेरित ग्रिल, स्लीक हैडलाइट, और विदेशों में बेची जा रहीं Fiesta के जैसी नए डिज़ाइन वाली टेललाइट लगाई गई थी. Fiesta में एक 1.5-लीटर टर्बो डीज़ल इंजन लगा था जो 89 बीएचपी पॉवर और 209 एनएम टॉर्क पैदा करता था और साथ ही लाजवाब हैंडलिंग देता था जिसने कार प्रेमियों को अपना दीवाना बना दिया. लेकिन इस सेगमेंट पर Honda City के कब्जा कर लेने के बाद फेसलिफ़्ट Fiesta ने बिक्री के मामले में वो रफ़्तार नहीं पकड़ी जिसकी इससे उम्मीद थी.
Ford Mondeo
Ford Mondeo एक तरह से इस अमरीकी कार निर्माता की BMW 3 Series, Mercedes C-Class, और Audi A4 जैसी गाड़ियों के लिए एक प्रतिद्वंद्वी थी. भारत में 2004 लॉन्च हुई Mondeo देश में इस कंपनी की इकलौती लक्ज़री कार थी. Mondeo में दो इंजन विकल्प दिए गए थे – एक 2.0-लीटर पेट्रोल और एक 2.0-लीटर डीज़ल इंजन. इस गाड़ी में लगा पेट्रोल इंजन 142 बीएचपी पॉवर और डीज़ल इंजन 128 बीएचपी पॉवर पैदा करते थे. लेकिन बहुत अधिक कीमत होने के चलते अधिकतर ग्राहक Mondeo से दूरी ही बनाए रखते थे. Ford Mondeo को साल 2006 में बाज़ार से हटा लिया गया था.