भारत में सड़कों पर अव्यवस्था आम बात है। लोग हमेशा एक जगह से दूसरी जगह पहुँचने के लिए भागते रहते हैं, चाहे वे कार, मोटरबाइक या परिवहन के किसी अन्य साधन में हों। यह भागदौड़ ज्यादातर समय उन्हें जल्दी उनके गंतव्य पर पहुंचा देता है, लेकिन कई बार यह दुर्घटनाओं का कारण बन जाता है। ऐसी प्रवित्ती से पैदा हुई समस्याओं में से एक और है traffic signals का पालन न करना। हाल ही में एक और घटना हुई जहां ट्रैफिक नियमों का पालन न करना एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं, बल्कि कुल मिलाकर चार कारों को नुकसान पहुंचाने का कारण बन गया। इस पूरी घटना का एक dashcam footage ऑनलाइन शेयर किया गया है।
चार कारों की दुर्घटना
ट्रैफिक सिग्नल पर चार कारों के दुर्घटनाग्रस्त होने की इस घटना का वीडियो Prateek Singh ने अपने चैनल पर YouTube पर शेयर किया है। वीडियो की शुरुआत प्रेसेंटर के साथ होती है जिसमें कहा गया है कि यह दुर्घटना पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुई। इसके बाद, यह ध्यान दिया जा सकता है कि यह एक सामान्य दिन है, और सड़क पर औसत यातायात है, जो सामान्य गति से चल रहा है। डैशकैम वाली कार, जिसे Tata Altroz बताया गया है, को Honda Amaze के पीछे चलते हुए देखा जा सकता है। इसके बाद होता यह है कि होंडा अमेज सिग्नल पीला होने पर अचानक ब्रेक लगाती है और टाटा अल्ट्रोज इसके पीछे टक्कर मार देती है।
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वीडियो में देखा जा सकता है कि अल्ट्रोज का मालिक नाराज होकर अपनी कार से बाहर आता है और अमेज के मालिक के साथ तीखी बहस शुरू कर देता है। अमेज़ के मालिक को तब समझाते हुए देखा जा सकता है कि उसके आगे वाली कार ने ब्रेक लगाया, और उसने भी तुरंत ब्रेक लगाया, जिससे यह हादसा हुआ। इस घटना में वास्तव में कितनी कारें शामिल थीं, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन डैशकैम से यह पता चलता है कि कम से कम तीन कारें थीं, जिसमें अमेज़ चालक ने जिस कार को पीछे से ठोंका उसके आगे भी एक कार थी।
इस घटना के पीछे वजह
अब, दुर्घटना के पीछे के कारण पर आते हैं। यह स्पष्ट है कि सिग्नल पीला होने पर लोग ट्रैफिक सिग्नल पार करने के लिए जल्दबाज़ी करने लगे। इस दुर्घटना में शामिल सभी कारें सिग्नल पार करने के लिए दौड़ पड़ीं, और जैसे ही ट्रैफिक सिग्नल लाल हो गया, पहली कार रुक गई, और कारें एक-दूसरे से टकरा गईं। अगर पहली कार ने सिग्नल पीला होने पर पर धीमा होने के प्रोटोकॉल का पालन किया होता, तो ऐसा कुछ भी नहीं होता। हालांकि, भारतीय लोगों को तो जान जोखिम में डालने की आदत है, और सिग्नल पीला होने का पूरा पूरा फायदा उठाना पसंद करते हैं।
घटना पर लोगों ने टिप्पणी की कि अल्ट्रोज़ मालिक का चालक पीला सिग्नल आसानी से देख सकता था और अपनी गाड़े धीमे कर लेता तो इस दुर्घटना से बच सकता था। मगर इसके बजाये वह रुका नहीं, और जब पहली कार ने ब्रेक लगाया, तो वह अपने सामने की सभी कारों के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लोगों ने यह भी कहा कि जब वे सिग्नल के करीब आ रहे थे, तब अल्ट्रोज़ के मालिक को होंडा अमेज़ से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा करने के बजाय, वह सिग्नल पार करने के लिए जल्दी कर रहा था। इसलिए, उसे सामने होंडा अमेज़ के ड्राइवर साथ झगड़ा नहीं करना चाहिए।
इस घटना से सबक
इस घटना से हम सीख सकते हैं कि ट्रैफिक सिग्नल का पीला होना जल्दबाज़ी करने और यह देखने के लिए नहीं कि कौन सिग्नल को फुर्ती से पार कर सकता है। बल्कि यह आने वाले यातायात को धीमा करने के लिए होता है। दुर्घटना में शामिल इन ड्राइवरों की तरह ही लोग सिग्नल का पीला होने का अर्थ नहीं समझते हैं। इसलिए, वे या तो विभिन्न ओर से आने वाले यातायात के साथ टकरा जाते हैं या उपरोक्त घटना की तरह ही दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। इसलिए, हम इसे पढ़ने वाले सभी ड्राइवरों से अनुरोध करते हैं कि अगली बार जब आप दूर से सिग्नल पर पीला होते हुए देखें, तो आगे की कार के साथ पर्याप्त दूरी बनाए रखते हुए गाड़ी धीमी करनी शुरू करें।
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