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क्या हुआ जब पम्प पर अटेंडेंट ने डाल दिया नेता की Volvo में पेट्रोल की जगह डीजल?

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गाड़ी में गलत फ्यूल डाल लेने की खबर आना कोई नयी बात नहीं है. आमतौर पर ये ग़लतफहमी, जानकारी की कमी, या दोनों के मिश्रण के चलते होता है. इस बार ये इसलिए हुआ क्योंकि स्टेशन अटेंडेंट सावधान नहीं था. इसलिए उसने एक नेता के पेट्रोल इंजन वाले SUV में डीजल डाल दिया.

क्या हुआ जब पम्प पर अटेंडेंट ने डाल दिया नेता की Volvo में पेट्रोल की जगह डीजल?

पीड़ित कार फ्लैगशिप Volvo XC90 Hybrid है जिसमें एक 2.0-लीटर पेट्रोल इंजन है जो अधिकतम 407 बीएचपी और 640 एनएम उत्पन्न करता है. कार में प्लग-इन हाइब्रिड सिस्टम भी है और कर्नाटक के MLA, Mohiuddin Bava, इंडिया में गाड़ी के इस वैरिएंट के पहले ओनर थे.

ये चूक तब हुई जब एक लापरवाह गैस स्टेशन अटेंडेंट ने SUV के टैंक में पेट्रोल की जगह डीजल डाल दिया. उसे लगा होगा की चूंकि कार एक बड़ी SUV है, इसमें एक डीजल इंजन ही लगा होगा. लेकिन, ऐसा नहीं था और उसे फ्यूल टैंक भरने से पहले कार के पेट्रोल होने के बारे में खासतौर पर बताया गया था.

स्टेशन पर SUV का टैंक फुल कराने MLA के बेटा गया हुआ था. उसने कहा की उसने स्टेशन अटेंडेंट को साफतौर पर बताया, लेकिन अटेंडेंट ने फिर भी गड़बड़ कर दी. ये पता चलने पर की कार के गैस टैंक में गलत फ्यूल डाल दिया गया है, Bava ने कार को तुरंत रिपेयर कराने के लिए सर्विस स्टेशन पर भेज दिया.

Mohiudeen Bava ने ये कहा,

चूंकि मैं विधानसभा के सत्र के लिए बैंगलोर में था, मेरा बेटा नयी के लकार फ्यूल स्टेशन पर गया. चूंकि मेरे बेटे ने उसे (अटेंडेंट) को पेट्रोल भरने के लिए साफतौर पर कहा था, जब मेरा बेटा पेमेंट करने गया, उसे पता चला की स्टाफ ने गाड़ी में डीजल डाल दिया है.

विधायक ने मामले को बहुत संयम से संभाला. उनके मुताबिक़, ये एक इंसानी गलती है और ऐसी चीज़ें हो जाया करती हैं.

अपनी गाड़ी में गलत फ्यूल डलवा लेना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और ऐसा किसी के साथ भी नहीं होना चाहिए. लेकिन, अगर ऐसा हो भी जाता है तो हम आपको बताते हैं की इसे कैसे पहचान लिया. ऐसे में अगर आपने गलती को जल्दी पकड़ लिया है तो आप कार को हुए नुक्सान को कम कर सकते हैं.

डीजल गाड़ी में पेट्रोल भरे होने का चिन्ह

डीजल इंजन पेट्रोल जितने सरल नहीं होते. वो दबाव वाले फ्यूल को सिलिंडर के अन्दर जलाने के लिए भेजने के लिए पेचीदा मैकेनिकल्स का इस्तेमाल करते हैं. पेट्रोल आसानी से जल जाता है और डीजल इंजन के पेचीदा होने के चलते आप इस बात को जल्दी नोटिस नहीं कर पायेंगे. और इंजन कुछ किलोमीटर के बाद ही गहरा काला धुआँ छोड़ने लगता है. डीजल इंजन में स्पार्क प्लग नहीं होता और पेट्रोल बिना आग के जलती नहीं. और अगर आप कार को फिर भी चलाने की कोशिश करते रहेंगे तो इंजन कुछ समय के बाद बंद हो जाएगा.

पेट्रोल गाड़ी में डीजल भरे होने का चिन्ह

डीजल पेट्रोल के मुकाबले ज़्यादा गाढ़ा होता है. इसके चलते ये पेट्रोल कार के फ्यूल फ़िल्टर में चिपक जाता है और फ्यूल लाइन को जाम कर देता है. ऐसे मामलों में, आप देखेंगे की टैंक में पर्याप्त फ्यूल होने के बावजूद इंजन बंद हो जाएगा. लेकिन अगर डीजल इंजन में पहुँच जाता है और स्पार्क प्लग उसे जलाने की कोशिश करता है तो एग्जॉस्ट से गहरा सफ़ेद धुआँ निकलेगा. डीजल आसानी से नहीं जलता उसे जलाने से पहले प्रेशराइज़ करना पड़ता है. और थोड़े धक्के खाने के बाद इंजन बंद हो जाता है.

अगर ऐसा हो जाए तो क्या करें?

अगर ऐसी घटना होती है, इस बात का ध्यान रखें की आप गाड़ी से सारा फ्यूल निकाल लें. ऐसे हालत में अपनी कार को कभी भी स्टार्ट मत करें और तुरंत ही टैंक से सारा फ्यूल निकालने के लिए एक मैकेनिक को बुलाएं. बाकी के फ्यूल को मेन लाइन से निकाला जा सकता है. अगर गलत फ्यूल इंजन तक पहुँच गया है, आपको उसे भी हटाना होगा. मोटर को क्रैंक करें, वो चालू नहीं होगा, लेकिन इंजन से गलत फ्यूल ज़रूर निकाल फेंकेगा. अब टैंक में सही फ्यूल और कुछ ऐडीटिव डालें ताकि गलत फ्यूल निकाला जा सके.

पेट्रोल इंजन में स्पार्क प्लग और फ्यूल फ़िल्टर जैसे पार्ट्स को रिप्लेस करने की ज़रुरत पड़ेगी. डीजल इंजन में फ़िल्टर के नीचे से प्लग निकाल कर बाकी का इंजन फ्यूल निकाला जा सकता है.