भारत के बड़े शहरों में बढ़ते प्रदूषण के दर से सरकार चौकस हो गयी है. गाड़ी से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार अब आम ईंधन से चलने वाले 150 सीसी इंजन वाले वाहनों पर पूरी तरह बैन लगाने का सोच रही है. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक़, सरकार अप्रैल 2023 तक 150 सीसी तक के गैर-इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर्स और अप्रैल 2025 तक ऐसे ही 2-व्हीलर्स पर बैन लगाने का सोच रही है. आपको बता दें की इन दोनों सेगमेंट की वार्षिक बिक्री लगभग 2 करोड़ यूनिट्स तक की होती है और ये भारत की सड़कों पर चलने वाले वाहनों का दो-तिहाई हिस्सा हैं.
लेकिन अगर ये कदम उठाया गया तो नियम लागू होने के पहले तक के वाहन मालिकों को चिंता करने की ज़रुरत नहीं है क्योंकि उनपर ये नियम लागू नहीं होगा. सरकार ने पहले ही अप्रैल 2020 तक BSVI उत्सर्जन नियमों के लागू करने को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने देश में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए BS5 नियमों को लागू नहीं कर सीधा BS-VI नियमों को लागू करने का फैसला उठाया था. अगर ये नियम लागू कर दिया जाता है भारत में उस तारीख के बाद से केवल इलेक्ट्रिक स्कूटर, मोटरसाइकिल्स, और रिक्शा बिका करेंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक़ सरकार गैर-इलेक्ट्रिक डिलीवरी गाड़ियां, शहरी बस, और स्कूल बस पर भी बैन लगाने पर विचार कर रही है. इसका मतलब ये है की सरकार और दूसरे पैनल मिलकर भारत को जल्द ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों वाला देश बनाने पर काम कर रहे हैं. लेकिन, फिलहाल सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों के निर्माताओं को कोई सब्सिडी देने पर विचार नहीं कर रही है. इसके बदले सरकार वो बैटरी निर्माताओं को सब्सिडी देने के मूड में है. FAME II पालिसी में भी प्राइवेट इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर ऐसी कोई टैक्स छूट नहीं है.
वास्तविक रूप में भारत में केवल कुछ कंपनियां इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर काम कर रही हैं और उनकी मासिक सेल्स भी काफी कम हैं. लेकिन इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर्स हाल के वर्षों में अच्छे स्तर पर बढ़ रहे हैं. फिलहाल, Hero electric, Okinawa और Ather कुछ ऐसे ब्रांड हैं जो भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर बेच रहे हैं. इस साल के अंत तक Bajaj भी इस मार्केट में अपने Urbanite इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ प्रवेश करेगा वहीँ Mahindra भारत में GenZe इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को ला सकती है. अगर 2-व्हीलर्स को बैन करने का नियम पास कर दिया जाता है तो और भी निर्माता इलेक्ट्रिक गाड़ियां उतारने में जुट जायेंगे.
यहाँ चिंता का एक और विषय है की देशभर में एक इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए आधारभूत संरचना बनाने की ज़रुरत है जिससे इन्हें आसानी से चार्ज किया जा सके. देशभर में चार्जिंग स्टेशन लगाना, आफ्टरसेल्स सपोर्ट को इलेक्ट्रिक पॉवरट्रेन हैंडल करने की ट्रेनिंग देना, और बैटरी इंडस्ट्री के विकास में मदद करना कुछ ऐसे कदम हैं जिन्हें अतिशीघ्र उठाने की ज़रुरत है. साथ ही, सरकार BSVI नियमों में आने वाली लागत के चलते 4-व्हीलर्स पर ऐसा कोई नियम नहीं ला रही है लेकिन आने वाले 5-6 सालों में भारत का कार मार्केट पूरी तरह से बदलने की उम्मीद है क्योंकि सारे निर्माता जल्द ही मार्केट में अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं.