जुगाड़ भारत द्वारा इजाद की गयी ऐसी तकनीक है जो दुनिया की समझ से परे होने के साथ ही बेहद प्रभावशाली भी है. बैलगाड़ी पर जेनरेटर से लेकर लस्सी बनाने वाली वाशिंग मशीन तक, हमारे पास हर तरह का जुगाड़ मौजूद है. हमारा कामचलाऊ रवैया ही हमें कम संसाधनों में ज़्यादा हासिल करने का जज्बा देता है. यही बात हमें आज के जुगाड़ पर लेकर आती है. नीचे दिया गया विडियो दर्शाता है की कैसे एक पहले जनरेशन वाली Hyundai Santro को एक इंसानी गुलेल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. अगर विशवास नहीं हो रहा तो आप नीचे दिया गया विडियो देख सकते हैं.
इस विडियो में एक बड़ी सी इंसानी गुलेल दिखाई गयी है. एक प्रकार का रोमांच खेल, इंसानी गुलेल बेहतरीन रोमांच, किफायत और लगाने की आसानी से चलते बेहद मशहूर हो रहा है. लेकिन, हमारा ध्यान इसमें इस्तेमाल हो रहे मॉडिफाइड Hyundai Santro ने खींचा. ये Santro सवारी को काफी दूर तक खींचती है और उसके बाद उसे छोड़ देती है जिससे आपको बेहद तेज़ रफ़्तार पर फेंके जाने का रोमांच मिलता है. बंजी जम्पिंग के विपरीत, इसमें किसी ख़ास प्रकार के वातावरण की ज़रुरत नहीं होती. ऐसी गुलेल के लिए केवल बड़ी सी खुली जगह होनी चाहिए जहां इस सेटअप को लगाया जा सकता है.
अगर आप गौर से देखेंगे तो पायेंगे की इस विडियो में इस्तेमाल किये गए Santro की पिछली छत को काट दिया गया है. उसकी जगह इसमें एक मेटल फ्रेम लगा हुआ है जो शायद इसे देश का इकलौता Santro पिक-अप बनाता है. जैसा ही हमने पहले ही बताया है, ये Santro पहले जनरेशन वाला मॉडल है और इसे 1998 में लॉन्च किया गया है. ये भारत में Hyundai की पहली गाड़ी थी और इसने सबका दिल जीत लिया था. Santro भारत की पहली गाड़ी भी थी जिसमें हमें ये टॉल-बॉय डिजाईन देखने को मिला था. बाद में Maruti Suzuki ने इसी डिजाईन के तहत WagonR को लॉन्च किया था. इस बात की प्रबल संभावना है की विडियो में इस्तेमाल की गयी गाड़ी को इसी काम के हिसाब से मॉडिफाई किया गया है.
हाल में ही Hyundai ने भारत में असली Santro को बंद करने के 5 साल के बाद नयी Santro को लॉन्च किया है. नयी Santro में वही पुराना 1.1-लीटर 4 सिलिंडर इंजन है लेकिन इसे नए उत्सर्जन नियमों का पालन करने के लिए ट्यून किया गया है. ये 69 बीएचपी एवं 99 एनएम उत्पन्न करता है और इसकी ARAI माइलेज 20.3 किमी/लीटर की है. इसके इंजन का साथ एक 5 स्पीड मैन्युअल गियरबॉक्स निभाता है वहीँ इसमें एक 5 स्पीड AMT ट्रांसमिशन भी ऑफर किया जाता है. नयी Santro की कीमत 3.89 लाख रूपए से शुरू होती है जो इसे इस श्रेणी में सबसे किफायती कार्स में से एक बनाता है.
अक्सर हमारे सामने ऐसी चीज़ें आ जाती हैं जो विचित्र होने के बावजूद हमें खुश कर जाती हैं. जहां एक स्टैण्डर्ड गुलेल में एक पहियों वाली ख़ास गाड़ी के ज़रिये लोगों को पीछे खींचा जाता है, हमने ATVs और Jeeps को भी ये काम करते हुए देखा है. लेकिन पिक-अप ट्रक के रूप में मॉडिफाइड Santro निश्चित ही नायाब और मज़ेदार है.