शौकीनों के लिए पहाड़ों में गाड़ी चलाना बेहद मजेदार हो सकता है. पहाड़ों की घुमावदार सड़कों पर ड्राइविंग पसंद करने वाले लोगों के लिए मस्ती के कई सारे मौके होते हैं. लेकिन, पहाड़ों पर चलना बेहद खतरनाक भी हो सकता है और ऐसे अप्रत्याशित चीज़ें हो सकती हैं जो आपके अच्छे अनुभव को एक दुस्वप्न में बदल सकती हैं. पेश है एक ऐसा ही विडियो जो दर्शाता है की भारत में पहाड़ी सड़कों पर चलना कितना खतरनाक हो सकता है.
https://youtu.be/LibMYTsBQVQ
ये विडियो हिमाचल प्रदेश का है और ये भूस्खलन को काफी करीब से दर्शाता है. इस विडियो को एक बस के सवारी ने लिया है. इस विडियो में आप पहले पहाड़ के किनारे से छोटे पत्थरों को गिरते देख सकते हैं और उसके बाद एक बड़ा पत्थर तेज़ी से रोड की तरफ आता है. इस बड़े पत्थर को रोड पर गिरते हुए देखा जा सकता है और अगर उस वक़्त एक गाड़ी वहां से गुज़र रही होती तो मामला काफी दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता था.
ऐसे भूस्खलन हिमालय के इलाकों में बारिश के वक़्त काफी आम होते हैं. चूंकि हिमालय पर्वत श्रृंखला अभी भी काफी नयी है, इसलिए ऐसे भूस्खलन काफी आम होते हैं. अगर आप रोड पर ध्यान से ना चलें तो आप ऐसे भूस्खलन में आसानी से फँस सकते हैं. इसीलिए आपको सड़क पर चलते हुए भूस्खलन के संकेतों के लिए चौकन्ना रहना चाहिए. ये आमतौर पर पहले छोटे पत्थर उसके बाद बड़े पत्थर एवं मिट्टी के गिरने से शुरू होते हैं. रात को ऐसे संकेतों को भांपना और भी मुश्किल हो जाता है.
पहाड़ी सड़कें रोड इस्तेमाल करने वालों के लिए कई चुनौतियाँ पेश करती हैं. अगर आप ठन्डे मौसम में ड्राइव कर रहे हैं, रोड पर जमी हुई कली बर्फ से गाड़ी स्लिप हो सकती है. काली बर्फ पानी का क्रिस्टल रूप होता है जो सूरज ढलने के बाद काफी तेज़ी से बनता है. वो गीली सड़क जैसी दिखती है और उसे देख पाना काफी मुश्किल होता है. वो किसी भी तरह की गाड़ी के लिए खतरनाक होती है, खासकर अगर गाड़ी तेज़ रफ़्तार पर चल रही हो. अगर सूरज ढलने के बाद आपको गीली सड़क नज़र आये तो ध्यान से एवं धीरे चलें.
पहाड़ों पर अचानक आई बाढ़ भी एक बड़ा खतरा होती है लेकिन ये ज़्यादा नहीं आती. अधिकांश पहाड़ी सड़कें ऊपरी इलाकों के पानी निकलने का रास्ता होती हैं और अगर ऊपर तेज़ बारिश हो रही हो, तो पानी रोड पर उतारते हुए गाड़ियों को भी बहा ले जा सकता है. लेकिन, ऐसा कम ही होता है.
पहाड़ी सड़कों पर चलने के कई खतरे होते हैं लेकिन अगर आप ध्यान से गाड़ी चलाएं तो ये काफी अच्छा अनुभव भी साबित हो सकता है. पहाड़ पर चलने के लिए काफी ज़्यादा ध्यान एवं एकाग्रता की ज़रुरत होती है और सबसे पहला नियम है अपने लेन में चलना. अधिकांश पहाड़ी सड़कों पर डिवाइडर नहीं होते और ड्राईवर अक्सर दूसरे लेन में चले जाते हैं जिससे दुर्घटनाएं घटती है. साथ ही ओवरटेक करते हुए भी काफी चौकस रहना चाहिए, तीखे मोड़ पर ओवरटेकिंग करते हुए बड़ी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है.