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Innova का रोड के गलत तरफ हुआ एक्सीडेंट, बीमा कंपनी ने भरे करोड़ों; जानिये कैसे!

भारत की सड़कें खतरे के मामले में ऊँचा स्थान रखती हैं और यहाँ हमें रोजाना कई एक्सीडेंट की खबरें मिलती हैं. 2016 में हुए एक ऐसे ही एक्सीडेंट में बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीमा कंपनी New India Insurance को मृतक के परिवार को 4.6 करोड़ रूपए का मुआवज़ा भरने का आदेश दिया है.

Innova का रोड के गलत तरफ हुआ एक्सीडेंट, बीमा कंपनी ने भरे करोड़ों; जानिये कैसे!

मृत Ravindra Kulkarni Singapore में Tata Precision के CEO थे. वो अपने परिवार के साथ एक कार में Pondicherry से Chennai जा रहे थे और तभी एक बेहद तेज़ रफ़्तार Toyota Innova ने उनके गाड़ी में टक्कर मार दी. Innova रोड के गलत तरफ चल रही थी और इस गाड़ी का बीमा New India Insurance ने कराया था. Ravindra समेत उनकी कार में बैठे 4 लोग मारे गए एवं बाकियों को बेहद गंभीर चोटें आयीं. Ravindra, उनके पुत्र Aniket और गाड़ी के ड्राईवर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया वहीँ Ravindra की पत्नी Shailaja Kulkarni चोटों के चलते मर गयीं.

Toyota Innova के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता के धारा 279, 337, 338 और 304A के तहत मामला दर्ज किया गया. Ravindra के माता-पिता ने पुणे MACT में मामला दायर किया और 18 प्रतिशत ब्याज दर के साथ 2.1 करोड़ रूपए के मुआवज़े की गुहार की. New India Insurance ने अंत में 2.5 करोड़ रूपए की राशि मंज़ूर की जिसे बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट ने संशोधित किया.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुआवज़े की राशी में संशोधन करने से पहले कई मामलों का संज्ञान लिया. Ravindra Tata Precision, Singapore में CEO थे और हर महीने वो 11,153 सिंगापुर डॉलर कमाते थे. वो परिवार में नौकरी वाले इकलौते इंसान थे और अब उनके परिवार में केवल उनके माता-पिता (जिनकी उम्र लगभग 70 साल हो चली है) और एक 22 वर्षीय बेटा Ashish बचा है. ये परिवार अचानक ही आर्थिक दिक्कतों से घिर गया और इकलौते नौकरी वाले इंसान की मृत्यु से परिवार का भविष्य अनिश्चित हो गया. Ravindra के माता-पिता ये भी कह रहे हैं की Ashish मानसिक एवं शारीरिक दिक्कतों से गुज़र रहा है और उसका भविष्य बेहद धूमिल नज़र आता है.

New India Insurance Agency ने ये कहा था की Toyota Innova का ड्राईवर शराब के नशे में था. बीमा का कहना था की इसकी जिम्मेवारी बीमाकर्ता पर नहीं आती क्योंकि गलती ड्राईवर की थी. हाई कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा:

“बीमा कंपनी यह दलील नहीं दे सकती. बहरहाल, ये दलील बीमाकर्ता को Motor Vehicles Act के धारा 149 में मौजूद बचाव दलीलों के तहत नहीं आती.”

मुआवजा किस प्रकार तय हुआ: असल सालाना कमाई – 40,15,080 रूपए – [11,153 SD x 30 (दर) + 12 भविष्य की संभावनाएं (30%) 12,04,524 रूपए], निजी खर्चे – 17,39,868 रूपए (52,19,604 रूपए का 1/3 हिस्सा), कुल सालाना कमाई — 34,79,736 रूपए गुणक 13. मुआवज़ा — निर्भरता का नुकसान – 4,52,36,568 रूपए, प्यार और लगाव का नुक्सान – 1,50,000 रूपए (हर पक्ष के लिए 50,000 रूपए), अंतिम संस्कार का खर्च – 1,00,000 रूपए, जायदाद का नुक्सान – 15,000 रूपए, पैत्रिक एवं पौत्रिक नुक्सान – 1,20,000 रूपए (हर पक्ष को 40,000 रूपए). कुल मुआवज़ा – 4,56,21,568 रूपए

कोर्ट ने राशि में से 3,000 SD घटाए क्योंकि Tata Precision ने उन्हें हाउस रेंट अलाउंस और 3 लाख रूपए का भुगतान किया था.

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