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पहाड़ियों में गाड़ी चलाते हुए घबराया Kia Seltos का ड्राइवर, ट्रक से टकराया

पहाड़ों में कई दुर्घटनाएं गलत तरीके से वाहन चलाने के कारण भी होती हैं। ऐसे में यहां हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी दुर्घटना जो एक Kia Seltos के डैशबोर्ड कैमरे में कैद हो गई थी। सामने आए फुटेज से पता चलता है, कि पहाड़ी इलाकों में गाड़ी चलाते समय घबराहट कैसे दुर्घटना का कारण बन सकती है।

यह दुर्घटना तमिलनाडु की है और Kia Seltos को ऊपर की ओर जाते हुए दिखाया गया है। इस दौरान, ड्राइवर अपनी बाईं ओर रहता है और एक मोड़ की ओर जाता है। फिर जब दूसरी तरफ से एक ट्रक आता है , तो इसका ड्राइवर घबरा जाता है और अपने दाहिनी ओर चला जाता है। इससे ट्रक और Kia Seltos के बीच आमने-सामने की टक्कर हो जाती है।

हम वीडियो में ऐसा साफ सुन सकते हैं, कि ट्रक ड्राइवर हॉर्न का इस्तेमाल कर रहा था लेकिन हमें लगता है कि Kia Seltos के ड्राइवर को ट्रक के होने की उम्मीद नहीं थी और वह हैरान रह गया था। ऐसे में झटके में उसने ट्रक से बचने की कोशिश की और उसे ट्रक की सीधी लाइन में फंसाते हुए अपने दाहिनी ओर बढ़ गया।

गौरतलब है, कि पहाड़ी सड़कों में ज्यादातर ट्रक और भारी वाहन जैसे बस बड़े टर्निंग रेडियस के कारण चौड़े मोड़ लेते हैं। यह ट्रक ड्राइवर वही कर रहा था। हालांकि, इसी हड़बड़ी में ड्राइवर ने खुद को ट्रक के रास्ते में डाल लिया, जो अक्सर पहाड़ी सड़कों पर नौसिखिए चालकों के साथ होता है।

पहाड़ी सड़कों पर ड्राइविंग

पहाड़ियों में गाड़ी चलाते हुए घबराया Kia Seltos का ड्राइवर, ट्रक से टकराया

माउंटेन ड्राइविंग एक रोमांचकारी और यादगार अनुभव हो सकता है, लेकिन यह जोखिम के अपने हिस्से के साथ आता है। इसके बावजूद, सावधानी बरतने और कुछ आवश्यक नियमों का पालन करके आप सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित कर सकते हैं। वहीं, अविभाजित पहाड़ी सड़कों पर वाहन चलाते समय प्राथमिक नियमों में से एक अपनी लेन के भीतर रहना होता है। मगर नए चालक अक्सर उलटे लेन में चले जाते हैं, जिससे संभावित विनाशकारी दुर्घटनाएँ होती हैं।

ओवरटेक करते समय एक और महत्वपूर्ण पहलू सावधान रहना है। यही वजह है, कि ब्लाइंड कोर्नेर्स पर ओवरटेक करना बेहद खतरनाक हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं। लेकिन इन दिशा-निर्देशों का पालन करके कोई भी माउंटेन ड्राइविंग से जुड़े खतरों को कम कर सकता है और जिम्मेदारी से रोमांच का मजा ले सकता है।

पर्वतीय क्षेत्र ड्राइवरों के लिए विशेष रूप से ठंड की स्थिति में कई चुनौतियां पेश करते हैं। इन महत्वपूर्ण खतरों में से एक सड़कों पर काली बर्फ का बनना है, जिससे वाहन कर्षण खो सकते हैं। अब जो नहीं जानते उनको बता दें, कि काली बर्फ, पानी का क्रिस्टलीकृत रूप, सूर्यास्त के तुरंत बाद दिखाई देने लगती है। यह गीली सतह का भ्रम पैदा करता है और इसको पहचानना चुनौतीपूर्ण होता है, जो सभी वाहनों के लिए एक गंभीर खतरा है।खासकर तब जब तेज गति से वाहन चला रहे हों।

गौरतलब है, कि काली बर्फ से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए विशेष रूप से सूर्यास्त के बाद संभावित गीली सतह का सामना करते समय सावधानी बरतना और गति कम करना महत्वपूर्ण होता है।