एक महिंद्रा XUV700 ग्राहक ने हाल ही में हुए हादसे के बाद अपनी कार में एयर बैग खुलने में विफलता की शिकायत दर्ज की है। इस खबर ने लोगों का व्यापक ध्यान आकटशीट किया है। ओनर दावा करते हैं कि हिमाचल प्रदेश में उनके साथ हुए हादसे में उनकी कार के एयर बैग न खुलने के कारण उनके परिवार को चोटें आई। घटना का पूरा विवरण यहाँ पर दिया है:
ओनर ने हादसे के बाद वाहन की एक वीडियो शेयर कार के आगे के हिस्से में काफ़ी ज़्यादा हुआ नुक्सान दिखाई पड़ता है,साथ ही यह भी दखता है की कार एक तरफ़ लुढ़की हुई दिखाई पड़ रही है, जिस से यह स्पष्ट होता है की कार के साइड में भी काफ़ी नुक्सान हुआ है। ओनर आगे बताते हैं कि कार मौजूद में पूरा परिवार सीटबेल्ट पहने था इसके बावजूद भी एयर बैग्स नहीं खुले।
खबर के अनुसार वाहन में सवार यात्रियों को भाग्य से छोटी मोती चोटी चोटें ही आईं और ईश्वर की कृपा से किसी को भी कोई बड़ी चोट नहीं आई। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया और वो सभी वर्तमान में उपचार प्राप्त कर रहे हैं।
ओनर का दावा है कि जबकि क्रैश का असर कार पर सामने की ओर से हुआ, फिर भी एयर बैग खुलने में विफल रहे। इस समय, उनकी कार महिंद्रा सर्विस स्टेशन पर है, और अब वे इंतज़ार कर रहे हैं की सर्विस सेंटर से एक ऑफिशियल रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं ताकि उनको यह पता चले की एयर बैग्स न खुलने के पीछे क्या कारण है? हालांकि एयर बैग्स काम न करने के कई कारण हो सकते हैं।”
मगर Airbags fail क्यों हुए??
एयर बैग्स अपने आप में एक जटिल सिस्टम होते हैं। इस सिस्टम को बनाने के लिए बहुत सारे सेंसर्स का सहारा लिया जाता है। क्यों की एयर बैग्स बनाने में बहुत थोड़ी मात्रा में विस्फोटक प्रयुक्त करते हैं, इसलिए यह बहुत आवश्यक है की यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि वे बिलकुल सही मौके पर खुलें।
यहां पर कुछ कारण हैं कि एयर बैग्स हादसे के बाद भी न खुलें भले ही यात्रियों नें सीटबेल्ट पहनी हो:

मैल्फंक्शनिंग एक्सेलरोमीटर (एक्सेलेरोमीटर में खराबी)
एयर बैग्स एक्सेलरोमीटर से प्राप्त जानकारी के आधार पर काम करते हैं। जब कभी वाहन की गति में अचानक परिवर्तन होता है तब वाहन का इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) एक ऐसा सिग्नल भेजता है अचानक होने वाले त्वरण में परिवर्तन की जांच होती है, जिससे हादसे की सूचना होती है। कार के यह सिग्नल केवल तब उत्पन्न होता है जब एक निश्चित त्वरण परिवर्तन की सीमा पार हो जाती है। यदि परिवर्तन पर्याप्त नहीं है, तो एयर बैग्स खुलेंगे ही नहीं। यही कारण है कि एयर बैग्स लो स्पीड हादसों में डेप्लॉय नहीं भी हो सकते हैं। संभावना है कि घटना में शामिल महिंद्रा XUV700 को यह अनुभव नहीं हुआ कि एयर बैग खुलने के लिए एक्सीलेरशन में पर्याप्त परिवर्तन न हुआ हो।
द्वितीयक प्रभाव
अगर पहले हादसे के बाद कार को किसी द्वितीयक प्रभाव का सामना करता है, तो एयर बैग्स खुलने में सक्षम नहीं हो सकते।
Airbags का अनावश्यक डिप्लॉयमेंट
कुछ मामलों में, छोटी, कम-प्रभाव वाली टक्करों में एयर बैग्स की ज़रुरत ही नहीं होती क्योंकी ऐसी दशा में सीटबेल्ट्स खुद ही यात्री सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त होती हैं। इस तरह की स्थितियों में एयर बैग्स निष्क्रिय रहते हैं। हालांकि, इस हादसे को देख कर यह नहीं लगता की ये काम प्रभाव वाला क्रैश था।
हाईड्रोप्लानिंग या अक़्वापलानिंग
हाइड्रोप्लेनिंग या एक्वाप्लेनिंग के मामलों में, वाहन का एक्सेलरोमीटर प्रारंभिक प्रभाव के दौरान प्रभावित हो सकता है। इसका कारण हाइड्रोप्लेनिंग द्वारा हुई ट्रैक्शन की हानि है, जिससे वाहन के सेंसर्स गुमराह हो जाते हैं क्योंकि वे सही तरीके से काम करने के लिए पहियों की ट्रैक्शन पर निर्भर होते हैं।