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10 साल की खोज के बाद मिली Tata Indica, जानें क्या है ख़ास

भारत में आज भी बहुत से लोगों के लिए कार खरीदना एक सपना होता है। वहीं, अगर अब यह किसी परिवार की पहली कार है, तो इसके साथ कुछ भावनात्मक जुड़ाव भी होता है।मगर कई बार लोग इसको अलग-अलग वजह से बेचते-खरीदते भी हैं या मॉडल को अपग्रेड करते हैं। ऐसी ही एक कहा हमारे सामने भी आई, जहां एक व्यक्ति लगभग 10 सालों से अपनी पहली कार, Tata Indica को खोजने में व्यस्त था और आखिरकार अब वह सफल हुआ।

इस पोस्ट को Saurabh.kmph ने अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर शेयर किया था, जो इस कार की तलाश कर रहे थे और अंत में उसे वापस खरीदने में कामयाब रहे। उन्होंने Indica के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा, “दस साल का पीछा एक शानदार अंत के साथ खत्म हुआ। मैंने अकोला में अपने परिवार की पहली कार का पता लगाया, जिसे हमने 2003 में खरीदकर 2013 में बेच दिया था। इसके मालिक और उनका परिवार बहुत दयालु हैं, जो इसे मुझे वापस बेचने के लिए मान गए। एक बार फिर लगभग बीस सालों के बाद मैं परिवार में कार का वापस स्वागत करता हूं। मेरे सभी फॉलोवर्स को भी बहुत बहुत बधाई! मैं आपके समर्थन के बिना अपनी कार को ट्रैक करने के लिए इतना प्रेरित कभी नहीं हो सकता था। आगे और भी बहुत कुछ आने वाला है, देखते रहें!”

सामने आई तस्वीरों में उनको Indica के बगल में खड़े अपने माता-पिता के साथ देखा जा सकता है। Tata Indica भारतीय कार निर्माता Tata की शानदार प्रोडक्ट थी। कंपनी ने 1998 ऑटो एक्सपो में इसका अनावरण किया था, जो आज भी भारत का पहला घरेलू रूप से डिजाइन किया गया वाहन माना जाता है। वहीं, लॉन्च के बाद इसकी लोकप्रियता बढ़ गई और कीमत की घोषणा के बाद केवल 2 हफ्तों में Tata Motors को इसकी रिकॉर्ड 115,000 से अधिक बुकिंग हासिल हुई। गौरतलब है, कि शुरुआत में इसको 2.59 लाख रुपये की कीमत के साथ लॉन्च किया गया था, जबकि टॉप-एंड संस्करण की कीमत 3.9 लाख रुपये थी।

10 साल की खोज के बाद मिली Tata Indica, जानें क्या है ख़ास
20 Year Old Tata Indica

ऐसा भी बताया जाता है, कि Indica को बाज़ार में लॉन्च करने से पहले Ratan Tata ने संकेत दिया था कि यह लोगों को बड़ा केबिन और बेहतर ईंधन दक्षता प्रदान करेगी। इन दोनों चीजों ने ही इस हैचबैक को खरीदारों के बीच बहुत लोकप्रिय बना दिया। इसके अलावा, इसमें एसी और पॉवर विंडो जैसे फीचर भी दिए गए थे, जो उस समय महंगी कारों में देखे जाते थे।

सिर्फ इतना ही नहीं, कार के बाहरी हिस्से को द इटैलियन डिज़ाइन स्टूडियो I.DE.A Institute ने डिज़ाइन किया था, जबकि इंजन और बाकी कंपोनेंट्स को इन-हाउस डिज़ाइन किया गया था। उस वक्त Tata Indica अपने सेगमेंट में Fiat Uno, Maruti 800 और Maruti Zen जैसी कारों के खिलाफ प्रकम्पटीशन कर रही थी।

एक समय Tata Indica कई जगहों पर, हैचबैक टैक्सी कैब के तौर पर भी लोकप्रिय हो गई थी, जबकि बहुत से लोगों ने इसे अपना निजी वाहन बनाया। इसके साथ ही, कंपनी ने इसको पेट्रोल और डीजल दोनों इंजन विकल्पों के साथ पेश किया, जो भारत में डीजल इंजन पाने वाली पहली हैचबैक थी।