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टोल प्लाज़ा पर भड़के आंध्रप्रदेश MLA, गुस्से में कार छोड़ पकड़ी बस

देशभर के टोल प्लाजा अक्सर अजीबोगरीब वाक्ये देखते हैं. हाल में ही आंध्रप्रदेश के खाजा टोल प्लाज़ा पर भी घटनाओं की एक श्रृंखला में देंदुलुरु के MLA Chintamaneni Prabhakar को टोल चुकाने के लिए रोका गया. दरअसल, MLA की गाड़ी टोल प्लाज़ा के पास पहुँच रही थी तभी उनके ड्राईवर ने गाड़ी को फ्री पास लेन की तरफ मोड़ दिया. लेकिन, प्लाज़ा के स्टाफ़ द्वारा कार को रोक लिया गया और उन्होंने टोल शुल्क की मांग की. इससे प्लाज़ा पर मामला बढ़ता गया और अंत में MLA अपनी कार छोड़ एक बस से रवाना हो गए.

https://youtu.be/bsfQ94ey2iY

माननीय MLA गुंटूर जा रहे थे और तभी उन्हें ये टोल प्लाज़ा मिला. जब ये वाक्या हुआ तब वो एक Toyota Innova Crysta में थे और मंदिर यात्रा से वापस लौट रहे थे. रोक कर टोल शुल्क मांगे जाने पर MLA ने शुल्क देने से मन कर दिया. MLA बार-बार टोल माफ़ी की बात कह रहे थे पर टोल प्लाज़ा का स्टाफ उनसे टोल मांगता रहा. इससे MLA और टोल प्लाज़ा के कर्मियों के बीच बात बढती चली गयी, उसके बाद वो और उनके परिवार के सदस्य गाड़ी से उतर कर बस से रवाना हो गए. बाद में MLA ने National Highways Authority of India के अन्दर आने वाले खाजा टोल प्लाज़ा के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की.

जहां ये सच है की MLA को टोल शुल्क नहीं चुकाना होता, टोल प्लाज़ा के कर्मी उक्त MLA के सरकारी पहचान पत्र को देखने की गुजारिश करने के हकदार हैं. उनकी Innova Crysta पर भी सरकार द्वारा जारी किया गया कोई ख़ास नम्बर प्लेट या स्टीकर नहीं था जो साफतौर पर दर्शाता है की उक्त गाड़ी VIP कार है. खाजा टोल प्लाज़ा आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले में आता है. Prabhakar द्वारा छोड़ी गयी Toyota Innova Crysta ने एक टोल लेन जाम कर दिया जिससे बाद में दूसरे राहगीरों को काफी दिक्कतें आयीं.

टोल प्लाज़ा पर भड़के आंध्रप्रदेश MLA, गुस्से में कार छोड़ पकड़ी बस

जब उन्हें पता चला की वो सच में MLA हैं, टोल प्लाज़ा पर मौजूद अधिकारियों ने बाद में Prabhakar से माफ़ी मांगी. लेकिन, तब तक MLA को गुस्सा आ चुका था और तब गुस्से में वो टोल प्लाज़ा के बीच में ही अपनी कार छोड़ कर चलते बने. MLA ने जिस लेन में अपनी MPV छोड़ी थी, वो VIP/VVIP फ्री पास लेन थी. सिल्वर रंग की Toyota Innova Crysta वहां छोड़े जाने के कुछ समय के बाद तक मौके पर ही रही. खबरों के मुताबिक़, MLA को 125 रूपए का शुल्क चुकाने के लिए कहा गया था. लेकिन, ऐसा लगता है की MLA इस बात को अभिमान पर ले बैठे और बात इतनी बढ़ गयी.