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अब सरकारी ऑफिसर मना कर रहे Tata और Mahindra इलेक्ट्रिक कार्स को इस्तेमाल करने से!

सरकार को सप्लाई किएय हुए कार्स में शिकायत आने के बाद, Mahindra लम्बे रेंज वाले इलेक्ट्रिक कार्स पर काम कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक़, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने Tata और Mahindra से हाल ही में ली गयी इलेक्ट्रिक कार्स को इस्तेमाल करने से मन कर दिया है. सरकारी अधिकारियों का कहना है की कार्स की परफॉरमेंस अच्छी नहीं है और इनकी रेंज बेहद कम है.

अब सरकारी ऑफिसर मना कर रहे Tata और Mahindra इलेक्ट्रिक कार्स को इस्तेमाल करने से!

अधिकारियों से मिली शिकायत के बाद, Mahindra अपनी e-Verito की रेंज बढाने पर काम कर रही है. ESSL के कॉन्ट्रैक्ट के तहत Mahindra अपनी e-Verito सप्लाई करती है वहीँ Tata अपनी Tigor इलेक्ट्रिक सप्लाई करती है. ये कार्स सिर्फ सरकारी अधिकारी अपनी रोज़ के आने-जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. लेकिन कई शिकायतों के बाद बहुत सारे अधिकारियों ने इन्हें इस्तेमाल करना बंद कर दिया है.

इंडिया को 2030 तक सिर्फ इलेक्ट्रिक कार्स का मार्केट बनाने के लक्ष्य की घोषणा करने के बाद सरकारी कंपनी ESSL ने इलेक्ट्रिक कार्स का टेंडर निकाला था. 10,000 कार्स का टेंडर संयुक्त रूप से Mahindra & Mahindra और Tata Motors को दिया गया था और साल की शुरुआत में दोनों ब्रांड्स ने सेडान्स की सप्लाई शुरू कर दी थी. लेकिन इनकी लो रेंज एक बड़ी दिक्कत बन कर उभरी है.

इंडिया में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए चार्जिंग नेटवर्क अभी तक उपलब्ध नहीं है. ये इलेक्ट्रिक कार्स के इस्तेमाल को और भी सीमित बनाता है. जहां एक स्त्रोत ने ET Auto को कन्फर्म किया की Mahindra अपनी e-Verito की रेंज बढाने पर काम कर रही है, Mahindra ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है. अधिकारियों के मुताबिक़, इलेक्ट्रिक सेडान एक चार्ज पर 70-80 किलोमीटर के आसपास चलती हैं, जो उनके रोज़मर्रा के काम के लिए पर्याप्त नहीं है.

इलेक्ट्रिक गाड़ियों के अलावे, ESSL ने 2,500 चार्जिंग स्टेशन बनाने का टेंडर भी निकाला था. लेकिन इसपर काम कब तक शुरू होगा, इसकी कोई खबर नहीं है. ESSL के मुताबिक़, अभी तक दोनों ब्रांड्स ने केवल 150 गाड़ियाँ सप्लाई की हैं. ESSL के मुताबिक़, वो 200-250 इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ चलाएंगे और टेंडर को पुनर्मूल्यांकन उसी के हिसाब से किया जाएगा.

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