कई बार हमने देखा है की तेज़ रफ़्तार वाले एक्सीडेंट सीटबेल्ट न पहनने वाले सवारी अपनी जान खो बैठते है वहीँ जिन्होंने सीटबेल्ट बाँधी हुई थी वो जीवित बच जाते हैं. मैसूर के पास हुए एक बड़े एक्सीडेंट में तीन स्टूडेंट तब मारे गए जब एक्सीडेंट के बाद कार ने कई बार पलटी खायी. दो दूसरे लोग जिन्हें काफी गहरी चोटें आई हैं मौत के मुंह से सिर्फ इसलिए बच पाए क्योंकि वो आगे के सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीटबेल्ट पहन रखी थी.
ये कैसे हुआ?
पुलिसकर्मियों का कहना है की जो कार एक्सीडेंट में शामिल थी — एक Hyundai Verna sedan — वो मैसूर के Outer Ring Road पर 150 किमी/घंटे की तेज़ रफ़्तार से चल रही थी. एक मोड़ पर ड्राईवर ने संतुलन गँवा दिया और इसके चलते कार ने कई बार पलटी खायी और एक इलेक्ट्रिक पोल से जा टकराई. इस तेज़ रफ़्तार रोल-ओवर के आघात के वजह से बिना पीछे की सीट पर बिना सीटबेल्ट बांधे हुए तीन स्टूडेंट कार के बाहर गिर पड़े. वो मौके पर भी मारे गए वहीँ आगे के दो लोगबच गए और रोल-ओवर एक्सीडेंट के बाद भी वो कार के अन्दर ही पाए गए.
ये दुखद एक्सीडेंट दरसल तेज़ रफ़्तार के चलते हुआ. Hunsur के D Devaraja Urs College के डिग्री स्टूडेंट Rehan Ur Rehman गाड़ी चला रहे थे और उनके साथ आगे की पैसेंजर सीट पर बैठीं कॉलेज स्टूडेंट Spoorthi इस एक्सीडेंट में बच गए. तीन मृत स्टूडेंट्स में Syed Aseem Museed (22) – एक BCom स्टूडेंट; Mohammed Farhan (22) – एक BBA स्टूडेंट, और दूसरी स्टूडेंट Divya (21) शामिल हैं. उन युवाओं के असमय मौत पर हमें तहे दिल से खेद है.
सीटबेल्ट्स की अहमीयत!
सीटबेल्ट ज़िन्दगी और मौत के बीच का अंतर तय करते हैं. उन्हें इस तरह से डिजाईन किया जाता है की एक्सीडेंट के दौरान गाड़ी के पैसेंजर अपने सीट में बने रहें और कार के बाकी हिस्से जैसे डैशबोर्ड, मेटल और प्लास्टिक के ट्रिम्स, और दरवाज़े सवारियों के सीधे संपर्क में ना आयें. सीटबेल्ट पैसेंजर को एक्सीडेंट के दौरान कार से बाहर फेंके जाने से भी बचाते हैं. गाड़ी में सिर्फ ड्राईवर और आगे के सवारी का सीटबेल्ट पहनना काफी नहीं होता. सेफ्टी के लिए गाड़ी के हर पैसेंजर को एक सीटबेल्ट पहनना चाहिए. ये बात ध्यान में रखनी चाहिए की कई कार्स में अगर सीटबेल्ट न पहने जाएँ तो एयरबैग नहीं खुलते. इससे हमें बस यही पता चलता है की सीटबेल्ट पहनना इतना ज़रूरी क्यों है.
Via TOI