अगर आप राष्ट्रीय राजधानी में रहते हैं और जल्द ही एक नयी कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो अपनी जेब ढीली करने के लिए तैयार हो जाइये. राज्य के परिवहन विभाग ने इस केंद्र-शासित प्रदेश में नयी कार के पंजीकरण का समय जमा की जाने वाले पार्किंग शुल्क में भारी बढ़ोतरी कर दी है.
सरकार ने इस शुल्क में काफी बड़ा इज़ाफा किया है जो सभी सेगमेंट की कार्स पर अब लागू होगा. जहां छोटी कार्स पर इस फैसले की मार कम पड़ेगी वहीँ बड़ी कार्स के लिए यह फैसला किसी बुरे सपने से कम नहीं है. यह नए शुल्क 1 जनवरी 2019 से लागू होंगे. यहाँ पेश हैं इस फैसले का सभी कार्स की खरीद पर पड़ने वाले असर की विस्तृत जानकारियां.
बाज़ार में 4 लाख रूपए की कीमत तक पर उपलब्ध सभी कार्स के लिए शुल्क 4,000 रूपए से बढाकर 6,000 रूपए कर दिया गया है. जिन कार्स की कीमत 4 लाख रूपए से 8 लाख रूपए के बीच है उनकी खरीद पर 4,000 की जगह ग्राहक को 10,000 रूपए की रकम अदा करनी होगी. इसी तरह 8 लाख रूपए से 12 लाख रूपए के बीच उपलब्ध कार्स के लिए यह शुल्क अब 15,000 रूपए है. अगर बात की जाए 12 लाख रूपए से 20 लाख रूपए की श्रेणी में आने वाली कार्स की तो इनके लिए आपको 30,000 रूपए की राशि चुकानी होगी. अगर आपकी नयी प्रीमियम सवारी की कीमत 20 लाख रूपए से 40 लाख रूपए के बीच है तो यह शुल्क अब 60,000 रूपए है. इसी के साथ 40 लाख रूपए से ज्यादा कीमत की सभी कार्स के लिए अब आपको 75,000 रूपए खर्च करने होंगे. पहले 4 लाख रूपए से ज्यादा कीमत वाली हर कार के लिए यह राशी 4,000 रूपए ही थी. तो Toyota Fortuner जैसी कार्स की खरीद पर अब इनके मालिकों को पंजीकरण के दौरान 56,000 रूपए ज्यादा खर्च करने होंगे.
यह नए कार खरीददारों के लिए एक बड़ी कीमत साबित होने वाला है, खासकर उन ग्राहकों के लिए जो 8 लाख रूपए से ज्यादा महंगी कार खरीद रहे हैं. इस नए नियम के अनुसार 71,000 रूपए की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मूल कीमत से तकरीबन 18 गुना ज्यादा है. यह नया शुल्क शारीरिक रूप से पीड़ित लोगों पर लागू नहीं है जिनके लिए पार्किंग शुल्क में छूट दी जाती है. बताते चलें कि इस शुल्क का इस्तेमाल दिल्ली के तीन नगर निगमों द्वारा मौजूदा पार्किंग स्थानों के रख-रखाव और नए स्थान बनाने के लिए किया जाता है.
इस फैसले के बाद परिवहन यूनियन प्रदर्शन करते हुए सड़क पर उतर आये हैं. परिवहन मंत्री Kailash Gahlot ने इस घटनाक्रम पर टिपण्णी करने से मना कर दिया है और कहा है कि उनके पास इससे फैसले से सम्बंधित फाइल कभी आई ही नहीं. यहाँ तक कि वाणिज्य वाहन चालकों के यूनियन ने भी इस फैसले का विरोध किया है और इसके वापस ना लिए जाने की सूरत में हड़ताल पर जाने की धमकी दी है.
वैसे इस शुल्क में बढ़ोतरी काफी समय से लंबित थी. पहले यह बढ़ोतरी साल 2015 में की जानी थी पर उस समय दिल्ली के तीनो नगर निगम विभिन्न दरों के साथ सामने आये और इसलिए उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया गया. ताज़ा प्रस्ताव इस साल सितम्बर में पेश किया गया था जिसे सरकार ने तुरंत हरी झंडी दिखा दी.
इस साल की शुरुआत में दिल्ली सरकार ने उन लोगों पर भी पार्किंग शुल्क लगा दिया था जो अपने घरों के बहार अपनी कार खाड़ी करते हैं. यह फैसला एक शुरूआती स्तर का परीक्षण था जिसे भविष्य में अन्य स्थानों पर भी लागू किया जायेगा. इसके अतिरिक्त दिल्ली सरकार राजधानी में लोकप्रिय स्थानों जैसे कनाट प्लेस पर भी पार्किंग शुल्क में तीव्र बढ़ोतरी की तैयारी कर रही है ताकि ऐसी जगह भीड़ को कम कर सार्वजानिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन दिया जा सके.