Rolls Royce के बारे में हम सबने बहुत सारी किवदंतियां सुनी हैं, कुछ सही, कुछ गलत. पेश है ऐसे 10 मिथक जिनका हम आज पर्दाफाश करेंगे.
मिथक: ये कभी खराब नहीं होतीं
ये कुछ ऐसा है जो सही नहीं है. हाँ, ये कार्स भरोसेमंद होती हैं, लेकिन ये कहना की ये कभी खराब ही नहीं होती शायद कुछ ज्यादा ही हो जायेगा. दुनियाभर में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जब ये गाड़ियां खराब हुई हैं. एक ऐसा वाक्य तब हुआ था जब Kim Kardashian की Ghost खराब हो गयी थी और ये बात अखबारों की सुर्खियाँ बन गयी थी.
मिथक: कोई भी आम इंसान एक Rolls Royce नहीं खरीद सकता
एक ऐसा भी मिथक है की Rolls आपका इतिहास खंगालेगी और फिर इस बात का फैसला करेगी की आपको कार बेचीं जानी चाहिए या नहीं. लेकिन, ये बात सच नहीं है. अगर आपके पास एक Rolls खरीदने के पैसे हैं तो कंपनी आपको ख़ुशी-ख़ुशी कार बेचेगी. ऐसे लोग जो सोचते हैं की Mallika Sherawat को ये इसलिए नहीं मिली क्योंकि उन्हें कंपनी द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया था, उनके पास इस बारे में कोई सबूत नहीं है और ये बात सच भी नहीं है. Mallika ने ये भी कहा था की ये बात गलत है.
मिथक: ये पूरी तरह ब्रिटिश है
हाँ, जो कंपनी ये कार बनती है उसकी फैक्ट्री UK में है. लेकिन, RR के बनने की शुरुआत जर्मनी के एक फैक्ट्री में होती है, जहां एलुमिनियम के बॉडी पार्ट्स को बना कर साथ में वेल्ड किया जाता है. फिर इन बॉडीज़ को UK के फैक्ट्री में लाया जाता है जहां निर्माण का काम आगे बढ़ता है.
मिथक: Rolls-Royce के एयर-कंडीशनिंग में कम से कम 30 घरेलू रेफ्रीजिरेटर्स का कूलिंग पॉवर होता है
हालांकि ये एक बढ़िया मार्केटिंग स्टंट है और हम इस बात को लेकर सुनिश्चित हैं की Rolls Royce का एसी काफी कारगर होता है लेकिन इसकी तुलना 30 फ्रिजों के कुलिंग पॉवर से करना गलत है.
मिथक: Spirit of Ecstasy शुद्ध चांदी से बना होता है
पहले ये माना जाता था की हर Rolls का ट्रेडमार्क Spirit of Ecstasy चांदी का बना होता है. ये सच नहीं है. हर गाड़ी की Spirit of Ecstasy स्टेनलेस स्टील से बनी होती है. हालंकि आप इसे पर्सनलाइज़ करा सकते हैं और ये आपके पसंद के मटेरियल का हो सकता है, चाहे वो चांदी हो, या सोना, या हीरा.
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मिथक: Rolls Royce के अन्दर जो इकलौती आवाज़ आपको सुनाई देगी वो उसके घड़ी की होगी.
ये भले की कम स्पीड पर सही हो, लेकिन जैसे-जैसे स्पीड बढती है, बाहर से थोड़ी बहुत आवाज़ अन्दर आने लगती है. ये किसी भी और लक्ज़री गाड़ी से कम होती है लेकिन आप ये नहीं कह सकते की Rolls के अन्दर आपको सिर्फ घड़ी की आवाज़ आयेगी.
मिथक: Rolls Royce के बैज का रंग लाल से काला किया जाना.
आम धारणा के उलट Rolls-Royce के बैज का रंग लाल से काला Henry Royce की मृत्यु की याद में नहीं किया गया था, बल्कि इसे इसलिए बदला गया था क्योंकि Royce ने खुद से फैसला किया था की काला रंग ज्यादा बेहतर दिखता है. कुछ कस्टमर्स ने भी कहा था की लाल रंग कार के रंग से मेल नहीं खाता और इसलिए लोगो का रंग बदलने का फैसला किया गया.
मिथक: ये इतने अच्छे से बने होते हैं की उन्हें कभी रीकॉल नहीं किया जाता
लोगों का मानना है की Rolls Royce इतनी परफेक्ट है और ये इतने लगन से बनती हैं की इसमें कोई दिक्कतें नहीं आ सकतीं और इसे रीकॉल नहीं किया जाता. लेकिन ये बात गलत है. Rolls Royce ने अपने Ghost को 2015 में रीकॉल किया था. ये भले ही एकबारगी फैसला हो लेकिन ये दर्शाता है की कुछ भी परफेक्ट नहीं होता.
मिथक: इन्हें टैक्सी के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता
ये एक मिथक है की Rolls Royces को कभी भी टैक्सी के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता. ऐसे बहुत सारे उदाहरण हैं और इन्हें इंडिया में भी देखा जा सकता है. कई हाई एंड होटल अपने मेहमानों को लाने और ले जाने के लिए Rolls Royces रखते हैं.
मिथक: वो हमेशा से लक्ज़री कार्स बनाया करते थे
क्या आपको पता है की कंपनी ने शुरुआत रैली कार्स बनाने से की थी? और अपनी बढ़िया इंजन और गाड़ियों के बनाने की काबिलियत को साबित करने के लिए वो ढेर सारे एंडयोरेन्स रेस में हिस्सा लेते थे और वो उनमें काफी सफल भी हुए थे.
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