D-segment में लम्बे समय तक राज करने वाले Mahindra XUV 500 को अब Tata Hexa SUV और Jeep Compass से टक्कर मिल रही है. जहां Compass एक 5-सीटर SUV है, Hexa इकलौती है जो सीधे XUV 500 से टक्कर लेती है. पेश है एक विडियो जो समान बाधाओं से पार पाने के दौरान उनकी ऑफ-रोड काबिलियत दर्शाता है.
इस विडियो में क्या हो रहा है?
ये विडियो दोनों गाड़ियों को एक खाली मैदान में चैलेंज लेते हुए दर्शाता है. और चुनौती है एक मध्यम गहराई के गढ्ढे को पार करना. ये है वो विडियो जो दोनों गाड़ियों को वो चैलेंज लेते हुए दिखाता है. Mahindra XUV 500 और Tata Hexa में लो-रेश्यो ट्रांसमिशन नहीं है जो इन्हें समान काबिलियत देते हैं.
सबसे पहले, इस विडियो को पेशेवर रूप से इन दोनों गाड़ियों की क्षमता को परखने के लिए नहीं बनाया गया है. ये असल दुनिया में एक तुलना है जो बस ये दिखाता है की बाधाओं से दोनों गाड़ियां कैसे पार पाती हैं. Mahindra XUV 500 भी काफी काबिल है और कुछ जगहों पर ये Hexa से आगे भी निकल सकती है.
Hexa ने बाधाओं को बिना मुश्किल के पार कर लिया और वहीँ XUV 500 थोड़े संघर्ष के बावजूद गढ्ढे से बाहर नहीं आ पायी. विडियो निर्माता Hexa को रिवर्स में भी ले गए और ये दर्शाया की ये एक बार का अजूबा नहीं और ये गाड़ी सच में बेहतर है. इस टेस्ट को दो बार किया गया और दोनों ही बार XUV 500 गढ्ढे के बाहर नहीं निकल पायी और वहीँ Tata Hexa को ग्रिप मिलती है और वो बाधा पार कर लेती है.
Hexa के चुनौती पूरे करने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
दोनों ही गाड़ियों का ग्राउंड क्लीयरेंस लगभग 200 एमएम पर समान है. यहाँ वाली Hexa 4X4 Varicor 400 वर्शन वाली है और उसमें 2.2-लीटर डीजल इंजन है जो 4,000 आरपीएम पर अधिकतम 156 बीएचपी और 1,700 आरपीएम से 2,700 आरपीएम पर 400 एनएम का पीक टॉर्क उत्पन्न करता है. Mahindra XUV 500 में 2.2 लीटर mHawk इंजन है जो 3,750 आरपीएम पर अधिकतम 140 बीएचपी और 1,600 आरपीएम से 2,800 आरपीएम पर 330 एनएम उत्पन्न करता है. तो ऐसा क्या है जिससे Hexa आसानी से बाधा पार कर लेती है और XUV को काफी दिक्कत होती है?
व्हील आर्टिक्यूलेशन
इस विडियो को देख कर लगता है की Hexa का सस्पेंशन ट्रेवल XUV 500 से बेहतर है. इस चुनौती के दौरान हम देख सकते हैं की XUV में पीछे का बायीं ओर वाला चक्का हवा में है. डिफरेंशियल लॉक या LSD के बगैर सारा पॉवर इस चक्के को जाता है और वो बेकार चला जाता है.
Hexa के चारों चक्के हर वक़्त ज़मीन पर रहे जिसका मतलब है उसे चारों चक्कों से ट्रैक्शन मिला. ये साबित करता है की Hexa का व्हील आर्टिक्यूलेशन XUV 500 से बेहतर है.
वज़न
Tata Hexa का वज़न Mahindra XUV 500 के मुकाबले 500 किलो ज्यादा है. ये भारी वज़न कई बाधाओं पर दिक्कत कर सकता है लेकिन यहाँ पर नहीं. क्यों? क्योंकि ज्यादा वज़न से ज्यादा ट्रैक्शन मिला जिसके चलते Hexa गढ्ढे से आसानी से बाहर आ सकी.
साथ ही, Hexa साधारण फ्रेम-ऑन-लैडर टाइप गाड़ी है वहीँ XUV में monocoque चेसी लगा है. फ्रेम-ऑन-लैडर गाड़ियां बॉडी रिजीडीटी, लचीलेपन एवं और भी कई कारणों के चलते ऑफ-रोडिंग के लिए ज्यादा काबिल होती हैं.
बेहतर लो-एंड पॉवर
Mahindra XUV में Hexa के मुकाबले कम लो पॉवर और टॉर्क है. 400 एनएम टॉर्क गाड़ी को ज्यादा काबिल बनाता है खासकर अगर वो इंजन के लो आरपीएम पर मैक्सिमम परफॉरमेंस दे. Hexa का 400 एनएम का टॉर्क 1,700 आरपीएम पर अपने पीक पर पहुँच जाता है और वो वहां 2,700 आरपीएम तक टिका रहता है, इसके चलते इसे पॉवर की एक बड़ी रेंज मिलती है. XUV में टॉर्क की रेंज बड़ी है लेकिन Hexa का Varicor 400 इंजन XUV के मुकाबले 70 एनएम ज्यादा टॉर्क उत्पन्न करता है जो बहुत ज्यादा है.