दो साल पहले कुछ इंडिया में बनी कार्स गलत कारणों से सुर्ख़ियों में थीं. उन्हें Global NCAP पर Zero Stars की रेटिंग मिली थी और असुरक्षित बताया गया था. वहीँ दूसरी ओर, कुछ ऐसी मेड-इन-इंडिया कार्स भी हैं जिन्होंने NCAP टेस्ट को सही से पास कर लिया है. भारतीय निर्माताओं के पास सुरक्षित कार्स बनाने की क्षमता और टेक्नोलॉजी दोनों है. पेश हैं ऐसी ही 7 मेड इन इंडिया कार्स जो बेहद सुरक्षित हैं.
Tata Nexon
4 स्टार्स Global NCAP
Tata Nexon को आखिरकार Global NCAP ने टेस्ट कर लिया है. इंडिया में बने इस SUV ने क्रैश टेस्ट में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और इसे वयस्कों की सुरक्षा के लिए 4-स्टार रेटिंग और बच्चों की सुरक्षा के लिए 3-स्टार रेटिंग मिली है. Nexon के बॉडी शेल को ‘stable’ (मज़बूत) कहा गया है.
Jeep Compass
5 स्टार्स A-NCAP
इंडिया में बनने वाली Jeep Compass ने ऑस्ट्रेलियाई NCAP क्रैश टेस्ट में 5 स्टार रेटिंग मिली है. Jeep ने Compass SUV को दो राईट हैण्ड मार्केट ऑस्ट्रेलिया और जापान एक्सपोर्ट करना शुरू कर दिया है. Compass के राईट हैण्ड ड्राइव वर्शन को पुणे के पास Fiat के Ranjangaon फैक्ट्री में बनाया जाता है. इस गाड़ी को इंडियन मार्केट में भी बेचा जाता है.
Toyota Etios Liva
4 स्टार्स Global NCAP
Etios Liva मार्केट में Toyota की सबसे सस्ती प्रोडक्ट है. हालाँकि Liva देखने में कुछ ख़ास नहीं लगे, ये एक सुरक्षित गाड़ी है. Toyota अपने Liva रेंज पर ड्यूल एयरबैग्स स्टैण्डर्ड के रूप में ऑफर करती है. Global NCAP द्वारा किये गए टेस्ट में 2016 Liva को क्रैश किया गया था और वयस्कों की सुरक्षा में इसे 4 स्टार्स मिले थे और बच्चों की सुरक्षा में 2 स्टार्स. इस कार को वयस्कों की सुरक्षा में 16 में से 13 अंक मिले थे. इसपर फ्रंटल ऑफसेट टेस्ट किया गया था और इसकी स्पीड 64 किमी/घंटे थी.
Volkswagen Poloमॉडिफिकेशन
4 स्टार्स Global NCAP
इसके पहले की हम इसके बारे में आपको समझाएं कुछ चीज़ें साफ़ कर देते हैं. जब Global NCAP ने इंडिया में बनी कार्स के फेल लॉट का टेस्ट किया था Polo को 0 स्टार्स मिले थे क्योंकि जिस मॉडल को टेस्ट किया गया था उसमें एयरबैग्स नहीं थे. लेकिन उस परिणाम के मिलने के बाद VW ने तुरंत हरकत में आ गयी और Polo के सभी वैरिएंट में ड्यूल एयरबैग्स लगा दिए. उसके बाद कार का टेस्ट किया गया और इसे 4 स्टार रेटिंग मिली थी. इस कार को बच्चों की सुरक्षा में भी 3 स्टार्स मिले थे. अधिकतम 17 पॉइंट्स में से Polo को 12.54 पॉइंट मिले जबकि बिना एयरबैग्स वाले को 5.42 पॉइंट्स मिले थे.
तो क्या सिर्फ एयरबैग्स जोड़ देने से रेटिंग बढ़ जाती है? जवाब इतना सरल नहीं है. अगर बॉडी स्थिर है और टक्कर झेल सकती है, एयरबैग्स जोड़ने से निश्चित ही स्कोर अच्छा हो जाएगा ठीक वैसे ही जैसे Polo के साथ हुआ. लेकिन, अगर बॉडी स्थिर नहीं है — जैसा Datsun Go में होता है — एयरबैग्स स्कोर नहीं बढ़ा पाते.
Volkswagen Vento
5 स्टार्स ASEAN NCAP
VW Vento में वैरिएंट के हिसाब से दो अलग रेटिंग हैं. बिना ESP वालों को 4 स्टार्स मिले हैं और ESP (1.2 TSi) वाले को 5 स्टार्स. कारण ये है की ASEAN NCAP में 5 स्टार रेटिंग के लिए ESP ज़रूरी होता है, इसलिए सिर्फ 1.2 TSi वर्शन को ही 5 स्टार रेटिंग मिली थी. दोनों वर्शन में व्यस्क सुरक्षा के लिए 16 में से 14.51 पॉइंट मिले थे तो दोनों कार्स उतने ही स्टेबल हैं और दोनों की बॉडी मज़बूत है.
Hyundai Creta
4 स्टार्स Latin NCAP
Hyundai Creta इंडियन मार्केट में एक सफल कॉम्पैक्ट SUV है. Creta को इंडिया से एक्सपोर्ट भी किया जाता है. लैटिन NCAP ने हाल में ही इंडिया में बनी Creta को टेस्ट किया था और गाड़ी को 4 स्टार रेटिंग मिली थी. लेकिन जिस गाड़ी को टेस्ट किया गया था वो लेफ्ट-हैण्ड ड्राइव वर्शन थी. इस गाड़ी को अधिकतम 17 में से 15.57 पॉइंट्स मिले थे. इस गाड़ी में केवल ड्यूल एयरबैग्स थे और इंडियन वर्शन के साथ ये स्टैण्डर्ड है. इसके बॉडी शेल को स्थिर रेटिंग मिली थी और ये और भी भार सहने में सक्षम है.
Mahindra XUV500
4 स्टार्स ऑस्ट्रेलियाई NCAP
XUV 500 कंपनी की पहली मोनोकॉक गाड़ी है. ये गाड़ी कई अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी मिलती है. ऑस्ट्रेलियाई NCAP ने गाड़ी को टेस्ट किया था और इसे 4 स्टार रेटिंग मिली थी. यहाँ टेस्ट AWD वर्शन पर किया गया था और गाड़ी को फ्रंटल और साइड इम्पैक्ट टेस्ट से गुज़ारा गया था. फ्रंटल ऑफसेट टेस्ट में XUV को 16 में से 10 पॉइंट्स मिले थे और साइड इम्पैक्ट में इसे 16 में से 16 अंक मिले थे. कुल मिलाकर गाड़ी को अधिकतम 37 में से 26 पॉइंट्स मिले थे.
तो इंडिया में ऑटो निर्माता सुरक्षित कार्स बनाने की क्षमता रखने के बावजूद, कस्टमर्स के लिए सुरक्षित कार्स क्यों नहीं बनाते?
कारण ये है की देश में नियम उतने सख्त नहीं है और वो कड़े क्रैश टेस्ट की डिमांड नहीं करते. लेकिन, विदेशों में ऐसा नहीं होता.
2019 में इंडियन NCAP (BNVSAP) के लागू होने के साथ चीज़ें जल्द ही बदल जायेंगी. ये नियम कड़े निर्देश जारी करेंगे जिससे देश में कार्स और सुरक्षित हो जायेंगी. 2019 में आने वाले नए नियम को ध्यान में रखते हुए इंडियन निर्माताओं ने अपनी गाड़ियों को पहले से ही क्रैश टेस्ट करना शुरू कर दिया है.