जब बात भरोसे और लम्बे लाइफ की आती है तो कार्स ने एक लम्बा सफ़र तय किया है. आज की एक आम मॉडर्न कार लाखों किलोमीटर तक आपका साथ निभाती है. लेकिन, अगर आप कार अच्छे से नहीं चलाएं या कार को सही से मेन्टेन नहीं कारें तो आपकी इंजन की लाइफ पर काफी बुरा असर पड़ता है. ये बुरी आदतें आपके कार को डैमेज करती हैं और इंजन की लाइफ काफी हद तक कम करती हैं. जहां कार का सस्पेंशन या दूसरे पार्ट्स बदलना काफी आसान होता है, इंजन बदलना काफी महंगा और मुश्किल होता है. इसलिए इस बात को सुनिश्चित कर लीजिये की जो 5 आदतें हम नीचे बताने जा रहे हैं, आप उनमें से किसी को फॉलो नहीं करते.
रेडलाइन पर बने रहना
आजकल की अधिकांश कार्स में टैकोमीटर होता है. और इनमें ऊंचे नम्बर्स पर एक लाल लाइन होती. ये लाल लाइन हाई इंजन स्पीड का द्योतक होती है. किसी भी इंटरनल कमबशन इंजन को ज़्यादा रेव नहीं किया जाना चाहिए इसलिए ये रेड लाइन आपको इंजन के स्पीड की जानकारी देती है. और बहुत हाई रेविंग के चलते आपका इंजन और अगर मौजूद हो तो टर्बोचार्जर काफी गर्म हो जाता है. और निर्धारित तापमान के ऊपर लम्बे समय तक चलने से कोई भी इंजन बहुत जल्दी खराब होने लगता है. इसलिए अपने रेव्स को हमेशा लो रखा करें और रेड लाइन के पास ना जाएँ तो बेहतर.
समय पर इंजन ऑइल नहीं बदलना
जैसे इंसानों के शरीर में खून दौड़ा करता है, कार के इंजन में बेहद ज़रूरी पार्ट्स में इंजन ऑइल दौड़ा करता है. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा की इंजन ऑइल किसी भी कार इंजन का खून होता है. लेकिन, हमारे शरीर के खून के उलट इंजन खुद से ऑइल का निर्माण नहीं करते और इसलिए इन्हें एक अंतराल के बात बदलना पड़ता है. निर्धारित समय पर इंजन ऑइल नहीं बदलने से आपके कार के इंजन को काफी ज़्यादा नुक्सान पहुँचता है.
ये ज़रूरी है की आप कार निर्माता के द्वारा इंजन ऑइल के बदलने के समय का पालन करें. समय पर पुराना ऑइल नहीं बदलने से इंजन के कई पार्ट्स में काफी ज़्यादा टूट-फुट होती है. साथ ही इंजन ऑइल के लेवल को भी कुछ समय पर मापते रहे, इंजन में कम ऑइल होना भी आपके कार के इंजन को डैमेज करता है.
बिना स्नोर्कल के गहरे पानी में उतरना
कहा जाता है की पानी एक इंटरनल कमबशन इंजन का सबसे बड़ा दुश्मन होता है. जैसा की आप सभी को पता है, पानी और आग एक दूसरे के दोस्त नहीं होते. आपकी कार पानी में गोताखोरी के लिए नहीं बनी होती और गहरे पानी में उतरना इसके इंजन के लिए खतरनाक हो सकता है. जहां आप अपने SUV के हाई ग्राउंड क्लीयरेंस को लेकर कॉंफिडेंट हो सकते हैं और एक स्नोर्कल लगवाना सही कदम होता है. यहाँ इस बात पर भी गौर किया जाना चाहिए की आपके कार में पानी उसके एयर इन्टेक सिस्टम से भी घुस सकता है, जिससे इंजन हाइड्रोस्टैटिक लॉक मोड में चला जाता है. अगर ये होता है तो इंजन काम करना बंद कर देता है. इसलिए ऐसी जगहों पर जाने वाले लोगों को अपनी कार में एक स्नोर्कल लगवा लेना चाहिए.
बिना वार्म अप के इंजन रेव करना
लगातार कोल्ड स्टार्ट या एक लम्बे समय के बाद इंजन स्टार्ट करने से उसपर काफ़ी ज़ोर पड़ता है. कोल्ड स्टार्ट के दौरान इंजन इंटरनल कम्बशन वाले पार्ट्स को अच्छे ढंग से लुब्रीकेट नहीं कर पाता. इसलिए, अगर एक कोल्ड स्टार्ट के बाद आप अपने इंजन को ज़्यादा रेव करें तो इसके मूविंग पार्ट्स के डैमेज होने की संभावना बढ़ जाती है. ये इंजन की लाइफ पर असर डालता है. इसलिए, इंजन के गर्म होने का इंतज़ार करना बेहतर होगा. और साथ ही, कोल्ड स्टार्ट करने के कुछ देर बाद तक अपने इंजन स्पीड को पहले 2 किलोमीटर तक 2,000 आरपीएम से कम रखें.
गलत फ्यूल का इस्तेमाल
अपने कार में गलत फ्यूल डालना सबसे बड़ी और ज़्यादा बेवकूफी भरी गलती होती है. एक कार का इंजन एक निर्धारित प्रकार के फ्यूल पर चलने के लिए बना होता है. जैसे, पेट्रोल इंजन में इस्तेमाल की गयी टेक्नोलॉजी डीजल इंजन से काफी अलग होती है. इसलिए पेट्रोल इंजन डीजल पर नहीं चल सकता और इसका उल्टा भी नहीं हो सकता. लेकिन ऐसे मामले आये हैं जहां लोगों ने अपने कार में गलती से गलत फ्यूल डाल दिया हो. ऐसे मामलों में आपका इंजन बुरी तरह से डैमेज हो सकता है. इलिए अगर आप अपने टैंक में गलत फ्यूल डाल लें तो टैंक को तुरंत खाली करवाएं और फिर सही फ्यूल डालें. साथ ही फ्यूल कैप पर स्टीकर लगाना फ्यूल अटेंडेंट की भी मदद करता है.