जहां इंडिया ऐसा देश नहीं है जहां आपको काफी बढ़िया कार कल्चर देखने की मिलेगा, यहाँ फिर भी कुछ ऐसे निर्माता हैं जिन्होंने कुछ अलग करने की हिम्मत की. इन गाड़ियों ने सेल्स में कुछ ख़ास नहीं किया इसलिए ये काफी दुर्लभ हैं. पेश हैं ऐसी ही 10 दुर्लभ कार्स.
Sipani Badal
1973 में Sunrise Auto Industries के नाम से शुरू हुई कंपनी 1980 के दशक में Sipani Limited बन गयी. इस कंपनी की खासियत ये थी की वो अपने कार्स को फाइबरग्लास से बनाते थे. Badal को इंडिया का Reliant Robin (UK में बेचीं जाने वाली) कह सकते हैं. तो इसके बारे में इतना ख़ास क्या है? इसमें सिर्फ 3 चक्के थे, एक आगे और दो पीछे, जैसा एक ऑटो में होता है. इसकी दूसरी नायब बात थी की इसमें बस 3 दरवाज़े थे. इसमें एक 198 सीसी 2-स्ट्रोक पेट्रोल इंजन था जिसका साथ एक 4 स्पीड मैन्युअल ट्रांसमिशन निभाता था और ये पॉवर को बस रियर व्हील्स तक ले जाता था. इसमें ब्रेक सिर्फ रियर व्हील्स में थे और फ्रंट व्हील को बस स्टीयरिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन कार सेल्स में फिसड्डी साबित हुई.
HM Trekker
Trekker एक नायाब गाड़ी है जिसे Hindustan Motors ने डिजाईन किया था. जो बात इसे नायाब बनाती वो ये है की इसे Ambassador के बचे-खुचे पुर्जों से बनाया जाता था.
Trekker में एक लैडर फ्रेम चेसी है. इसके इंजन, लाइट्स, स्टीयरिंग, और सस्पेंशन सभी Ambassador से लिए गए थे. इसका इंजन भी वही Ambassador का 1.5 लीटर वाला इंजन है लेकिन इसमें 4 स्पीड मैन्युअल ट्रांसमिशन है जिसे फ्लोर पर लगाया गया था.
Trishul
Trishul एक ऐसी कार निर्माता है जिसके बारे में ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है. लेकिन हमें इतना पता है की ये बिहार के पटना की कंपनी थी और ये और ये Jeep के जैसी 4 व्हीलर्स बनाय करती थी जिसमें कोई दरवाज़े नहीं होते थे. इसमें एक 500 सीसी सिंगल सिलिंडर Lombardini डीजल मोटर लगा होता था. और ये कार बस इसके निर्माण वाले इलाके में ही प्रसिद्ध थी.
Tata Spacio
Spacio असल में Tata Sumo का सॉफ्ट-टॉप वर्शन थी. ये एक सवारी गाड़ी थी जिसमें कोई दरवाज़े नहीं थे. जहां नार्मल Sumo में 2.0 लीटर इंजन था Spacio में Tata 407 ट्रक का इंजन था. ये एक 3.0 DI इंजन था जो 70 बीएचपी उत्पन्न किया करता था.
Chinkara
India की Caterham कही जा सकने वाली Chinkara में एक 1800 सीसी Isuzu इंजन था जो 90 बीएचपी उत्पन्न करता था. इसके इंजन में 5-स्पीड मैन्युअल गियरबॉक्स था. इस कार में स्पेस फ्रेम चेसी है और इसमें कस्टम मेड फाइबर ग्लास बॉडी थी जिसे जर्मनी के Guido Bothe ने डिजाईन किया था. इस कार में कई कस्टमाईज़ेशन ऑप्शन मिला करते थे. चूंकि ये कार काफी हल्की थी, ये 0-100 किमी/घंटे मात्र 8 सेकेण्ड में पहुँच जाती थी और इसकी अधिकतम रफ़्तार 190 किमी/घंटे की थी.
Force Toofan
Toofan को Force एक सवारी गाड़ी के रूप में बनाया करती थी. ये काफी लम्बे समय से मार्केट में है. इस कार की विशेषता थी की इसमें बैठने के लिए कई रो हैं. इसमें 12 लोग तक बैठ सकते हैं और ये काफी बड़ी है. जहां आजकल भी लोग इसे रोड पर देख नज़रन्दाज़ कर देते हैं, ये ग्रामीण इलाकों में बहुत फेमस है.
HM Veer
HM ने जितना हो सका Ambassador के प्लेटफार्म को उतना इस्तेमाल किया. उन्होंने इसपर आधारित एक कॉम्पैक्ट सेडान और एक पिक-सप भी प्लान की थी. जहां कॉम्पैक्ट सेडान तो कभी बन नहीं पायी, पिक-अप मार्केट में आई थी और इसका नाम था Veer. ये पहले West Bengal में लॉन्च हुई थी और बाद में पूरे देश में. Veer में BS3 (डीजल) और BS4 (CNG) वैरिएंट थे और इसके डीजल वर्शन की कीमत 3.30 लाख रूपए से शुरू होती थी. Veer को सेल्स के मामले में शहीद होते देर नहीं लगी.
HM Ambassador Estate
क्या आपलोगों को पता है एक समय पर Ambassador का Estate वर्शन भी मार्केट में था? उस समय Ambassador में एक Estate ऑप्शन था और Padmini में भी.
Reva I
Reva इंडिया के मार्केट में सबसे पहले सन 2000 में आई थी. वो इंडिया में इलेक्ट्रिक कार्स लेकर आये थे. ये कार Maini द्वारा बनायी जाती थी और इसे अब Mahindra ने खरीद लिया है. इस कार में एक 6.4 बीएचपी DC मोटर था, लेकिन 2007 में इसे AC मोटर में बदल दिया गया जो 17 बीएचपी उत्पन्न करती थी.
Jonga
Nissan पहले Jonga नाम की एक ट्रक बनाया करती थी. ये उस वक़्त आर्मी को सप्लाई की जाती थी और ऐसे लोग जिनके घर से कोई आर्मी में था, उन्हें ये ट्रक ज़रूर याद होगी. Jonga को कुछ प्राइवेट मार्केट्स में भी बेचा गया था. ऊपर वाली को मॉडिफाई किया गया है और ये काफी अच्छी दिख भी रही है. और आपको सेकंड हैण्ड मार्केट में कुछ कार्स अभी भी मिल जायेंगी.
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