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लिफ्ट देने के लिए चालान काटने वाले ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल का हुआ तबादला!

याद है हमने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जहां एक कार चालक को बारिश में फंसे कुछ लोगों को ‘लिफ्ट’ देने के लिए फाइन किया गया था? अब ये खबर आ रही है की जिस कांस्टेबल ने इस भले इंसान का चालान काटा था उसे प्रशासनिक विभाग में ट्रान्सफर कर दिया गया है. शायद मुंबई ट्रैफिक पुलिस के उच्च अधिकारी एक अच्छे नागरिक का चालान काटने पर कांस्टेबल से नाखुश हैं. साथ ही, Vashi पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर को प्रारम्भिक जांच के आदेश दिए गए हैं.

लिफ्ट देने के लिए चालान काटने वाले ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल का हुआ तबादला!

18 जून को Airoli के निवासी Nitin Nair ने सोशल मीडिया पर बाढ़ में फंसे लोगों की मदद करने पर 1,500 रूपए का जुर्माना भरने की बात पोस्ट की थी. Nitin के मुताबिक़, कांस्टेबल Ajit Patil ने तीन लोगों को लिफ्ट देने के लिए उनका चालान काट दिया. कांस्टेबल ने Ajit को बताया की बिना परमिट के लोगों को पानी गाड़ी में लिफ्ट देना गैरकानूनी है. MV Act के Section 66 के मुताबिक़, किसी भी इंसान को अपनी प्राइवेट कार में सवारी या सामान ढोने की अनुमति नहीं है. Nair ने कोर्ट में अपनी गलती मान ली थी और वहां उन्हें 1,500 रूपए का फाइन भरने का आदेश दिया गया था.

कांस्टेबल Ajit Patil के इस कर्म से आम लोग काफी आश्चर्यचकित रह गए थे. असल में, ये क़ानून लोगों को प्राइवेट रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल कर कमर्शियल टैक्स से बचने से रोकने के लिए है. लेकिन, Nair के मामले में इस क़ानून की गलत व्याख्या की गयी थी. जहां Section 66 (1) बिना वैध परमिट के गाड़ी के कमर्शियल इस्तेमाल को रोकता है, Section 192 के तहत आप आपातकाल के दौरान बिना रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ी भी चला सकते हैं. एक अच्छे नागरिक पर मुश्किल में फंसे हुए लोगों की मदद से लिए फाइन लगाना ट्रैफिक पुलिस की इज्ज़त में कोई इजाफा नहीं करता. ये एक गलत कदम है क्योंकि ये लोगों को आपातकाल में एक-दूसरे की मदद करने से रोकेगा.