इंडिया के रोअड्स किसी भी आम दीं ट्रैफिक से भरे होते हैं. और इसके अलावे, अधिकांश हाईवे का शहर की रोड्स अस्त-व्यस्त रहती हैं जहाँ लोग लेन ड्राइविंग का पालन नहीं करते. एम्बुलेंस फायर ट्रक, या पुलिस कार्स जैसी आपात सेवाएं ऐसे में अक्सर ट्रैफिक में फँसी रह जाती हैं. हमें अक्सर इंडिया के अलग-अलग हिस्सों से एम्बुलेंस के फंसे रह जाने की खबर मिलती है. लेकिन पेश है कुछ अलग जो आपको ज़रूर प्रेरित करेगा.
क्या हुआ?
https://youtu.be/JMYTZIDpGIo
पेश है केरल से डैशकैम फुटेज जिसमें एक एम्बुलेंस को ट्रैफिक से आसानी से निकलते हुए देखा जा सकता है. केरल में अधिकांश रोड सिंगल लेन और बिना डिवाइडर वाली हैं. एम्बुलेंस को ट्रैफिक को चीरते हुए बढ़ते देखा जा सकता है और बाकी लोग उसके लिए रास्ता बना रहे हैं. इंडिया में ऐसे होते देखना बिल्कुल ही आम बात नहीं है.
विडियो में सुने जा सकने वाले तेज़ हॉर्न और साईरन से ड्राईवर बाकी लोगों को आगाह कर रहा है और लोग रास्ता छोड़ते जा रहे हैं. एम्बुलेंस की स्पीड का तो नहीं पता लेकिन ये लगभग 60 किमी/घंटे की रफ़्तार से तो चल ही रही है.
ये भले ही हमलोगों को अटपटा सा लगे, केरल आपात गाड़ियों खासकर एम्बुलेंस को रास्ता देने में काफी समय से उदाहरण पेश करता रहा है. इसके पहले सरकार ने एम्बुलेंस में ज़रूरी अंगों के ट्रांसपोर्ट के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाये थे. ग्रीन कॉरिडोर शहर की पुलिस और नागरिकों द्वारा बनाया जाता है और ये एम्बुलेंस के लिए बिना ट्रैफिक का रास्ता निर्धारित करती है. पिछले साल अंग ट्रांसपोर्ट के दौरान केरल में एक एम्बुलेंस ने मात्र 7 घंटों में 516 किमी का सफ़र तय किया.
‘ग्रीन कॉरिडोर’ के सेटअप होने से लोग इस राज्य में एम्बुलेंस की अहमियत को लेकर जागरूक हो गए हैं. और अब जब वो ऐसी गाड़ियों को आते देखते हैं तो खुद उसके लिए जगह बनाने में जुट जाते हैं.
और ये कोई इकलौती घटना नहीं है जहां केरल में एम्बुलेंस को रास्ता दिया गया हो. इन्टनेट पर कई ऐसे विडियो हैं जहां इसी बात को दर्शाया गया है.
समय अनिवार्य है
किसी भी आपात स्थिति में मदद को जल्दी से जल्दी पहुंचना ज़रूरी होता है. रोड पर बर्बाद किया गया समय किसी की ज़िन्दगी बच जाने और गँवा देने के बीच का अंतर हो सकता है. इसलिए रोड पर ऐसे हालात में इन गाड़ियों को रास्ता दे देना चाहिए.
इंडिया में एक नियम है जहां रास्ता ना देने वाली हर गाड़ी पर 10,000 रूपए के दंड का प्रावधान है. लेकिन ऐसे नियम का पालन होते हुए हम कम ही देख पाते हैं. ऐसे में रोड पर मौजूद हर इन्सान का ये समझना ज़रूरी है की आपात गाड़ियों को रास्ता दिया जाए.