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अगर आपकी गाड़ी ज़्यादा प्रदूषण करती है तो आपको ज़्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है!

India की गाड़ी पर टैक्स लगाने वाली पालिसी जल्द ही बदल सकती है. अभी गाड़ी के कीमत और उसके इस्तेमाल के हिसाब से उसपर रोड और एक्साइज टैक्स लगता है लेकिन नयी टैक्स सिस्टम में गाड़ी पर टैक्स उसके उत्सर्जन के हिसाब से लगेगा. इसमें बड़े और ज़्यादा प्रदूषण वाले इंजन्स पर टैक्स ज़्यादा लगेगा वहीँ छोटे इंजन, हाइब्रिड इंजन, या इलेक्ट्रिक कार्स पर टैक्स कम लगेगा. गाड़ियों पर इस तरह टैक्स लगाने से सरकार उम्मीद करती है की कम प्रदूषण वाली गाड़ियाँ खरीदना आसान होगा और ज़्यादा प्रदूषण वाली गाड़ियाँ खरीदना महंगा.

अगर आपकी गाड़ी ज़्यादा प्रदूषण करती है तो आपको ज़्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है!

आगे चलकर हो सकता है कस्टमर सस्ते और कम प्रदूषण वाली गाड़ियाँ खरीदना पसंद करें, जिससे प्रदूषण कम होने के साथ ही देश को महंगे पेट्रोलियम प्रोडक्ट नहीं खरीदने होंगे. गौर करने वाली बात है की ऐसे ही एक स्कीम में इंडिया को काफी सफलता मिली थी जिसमें 1.2 लीटर से कम के पेट्रोल और 1.5 लीटर से कम के डीजल इंजन वाली सब-4 मीटर कॉम्पैक्ट कार्स पर 4 मीटर से बड़ी कार्स से कम टैक्स लगता था. एक्साइज ड्यूटी में फायदों के चलते निर्माता छोटे इंजन और कम जगह लेने वाली कार्स बनाने लगे.

इस नयी पॉलिसी की ड्राफ्टिंग चल रही है और इसे जल्दी ही सरकार से स्वीकृति भी मिल जानी चाहिए. दुनियाभर में देश निर्माता और कस्टमर को ऑफर देकर कम प्रदूषण वाली गाड़ियों के निर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं. इंडिया भी देश में बनने वाले फुली इलेक्ट्रिक व्हीकल पर सब्सिडी देने की योजन बना रही है. सरकार अपने विभागीय इस्तेमाल के लिए हज़ारों इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ खरीद रही है. कार निर्माता भी इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ और उनके चार्जिंग स्टेशन के लिए खूब सारा निवेश कर रहे हैं.

सोर्स — ETAuto