जहां भारत में मॉडिफिकेशन धीरे-धीरे मशहूर हो रहे हैं, आपको देशभर में पहले से ही कुछ अजीब मॉडिफिकेशन देखने को मिल जायेंगे. पंजाब का ये मॉडिफाइड Bajaj Chetak दिखाता है की मॉडिफिकेशन को लेकर भारत में लोग कितने रचनात्मक हैं. इस स्कूटर को रिवर्स ट्राईक के रूप में मॉडिफाई किया गया है.
एक और विडियो दर्शाता है की ये मॉडिफाइड स्कूटर काफी सही ढंग से काम भी करता है. इस रिवर्स ट्राईक का डिजाईन काफी सरल है. इसके व्हील को मेटल से जोड़ा गया है जो उन्हें एक ही दिशा में घुमाता है. इस पूरे सिस्टम को एक हैंडल से जोड़ा गया है जिसकी मदद से चक्के को दिशा दी जा सकती है. लेकिन इससे स्कूटर का टर्निंग रेडियस ज़रूर बढ़ जाता है. साथ ही आगे का सस्पेंशन नहीं दिख रहा. हो सकता है जटिलता के चलते आगे में सस्पेंशन का काम नहीं किया गया होगा.
इस मॉडिफिकेशन का सबसे आकर्षक फीचर है इसका टायर. इस स्कूटर में बड़े टायर्स लगे हैं, इतने बड़े टायर्स जिन्हें छोटे ट्रक इस्तेमाल करते हैं! बाकी के स्कूटर में मैकेनिक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है. लेकिन इसके पूरे बॉडी पर नया पेंट जॉब है और स्मोक्ड हेडलैम्प्स जैसे फीचर्स इस Bajaj Chetak को काफी अच्छा लुक देते हैं.
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हालांकि स्कूटर काफी अच्छा और आकर्षक दिखता है, गाड़ी के ढाँचे में किसी प्रकार के मॉडिफिकेशन गैरकानूनी होते हैं और इस स्कूटर के आगे में भारी परिवर्तन किया गया है. 2-व्हीलर्स के मुकाबले रिवर्स ट्राईक को चलाना भी काफी अलग होता है क्योंकि इसमें उलटी दिशा में स्तीर नहीं मिलता जिससे 2-व्हीलर के मुकाबले इसे चलाना मुश्किल होता है.
बड़े टायर्स को जोड़ने से भी स्टीयरिंग भारी होती है जिससे इसे मोड़ने में ज्यादा बल लगाना होता है. साथ ही इसका टर्निंग रेडियस काफी ज्यादा बढ़ गया है. हालांकि ये स्कूटर रोड लीगल नहीं है आप इसे प्राइवेट प्रॉपर्टी पर चला सकते हैं.
भारत में गाड़ी मॉडिफिकेशन का ट्रेंड बढ़ रहा है लेकिन यहाँ के सख्त नियमों के चलते गाड़ी को ज्यादा मॉडिफाई नहीं किया जा सकता है. एक मॉडिफाइड गाड़ी को रोड पर चलाने के लिए इसे ARAI से प्रमाणित कराना पड़ता है जो अपने आप में काफी मुश्किल प्रक्रिया है. अतिरिक्त एक्सेसरीज़ या बॉडी के रंग को भी बदलने के लिए RC में RTO से बदलाव करवाने पड़ते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है जिसमें भारत में गाड़ी में किसी प्रकार का मॉडिफिकेशन गैरकानूनी हो जाता है. कई ऑफ-रोडिंग गाड़ियों के मालिकों ने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई है लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को साफ़ नहीं किया है की किस प्रकार के मॉडिफिकेशन गैरकानूनी हैं इसलिए पुलिस ने इसपर अभी तक कार्यवाही शुरू नहीं की है. लेकिन, पुलिस हर जगह तेज़ आवाज़ वाले एग्जॉस्ट पर कार्यवाही ज़रूर कर रही है. अब वो समय भी दूर नहीं जब पुलिस मॉडिफाइड गाड़ियों पर भी कार्यवाही करना शुरू कर दे.