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देखिये जैसे KTM 390 ने काली बर्फ को पार कर लिया वहीँ Royal Enfield Classic 350 फँस गयी

पहाड़ों में काली बर्फ एक्सीडेंट्स का सबसे बड़ा कारण होती हैं., खासकर सर्दियों में. ये विडियो दर्शाता है की कैसे एक Royal Enfield Classic काली बर्फ में फँस जाती है वहीँ KTM 390 Duke इसे बिना दिक्कत के पार कर लेती है.

इस विडियो में हम देख सकते हैं की एक Royal Enfield Classic सड़क के बीच में खड़ी है और उसके पास में कुछ राइडर्स खड़े हैं. ये बाइक एक ढलान पर खड़ी की हुई है और विडियो में काली बर्फ बेहद आसानी से दिख रही है. KTM के राइडर Lokesh Swami रुक कर Royal Enfield जे राइडर को बाइक आगे ले जाने को कहते हैं लेकिन उसका कहना है की बाइक आगे नहीं बढ़ रही है. KTM 390 Duke का राइडर फिर काली बर्फ पार कर अपनी बाइक खड़ी करता है एवं मदद करने के लिए वापस आता है.

विडियो में देखा जा सकता है की जैसे ही राइडर Royal Enfield को आगे लेकर बढ़ने की कोशिश करने लगता है, बाइक काली बर्फ पर फिसलने लगती है. काली बर्फ बेहद फिसलन भरी होती है और यहाँ ट्रैक्शन इतनी आसानी से नहीं मिलता. इसके बाद, बाइक को रियर टायर के पीछे एक पत्थर रख कर रिवर्स किया गया ताकि इस बात को सुनिश्चित किया जा सके की बाइक पीछे नहीं आये, उसके बाद बाइक को कुछ लोगों ने मिलकर आगे धक्का दिया. ये बेहद पेचीदा कार्य मालूम पड़ता है लेकिन Royal Enfield Classic इस काली बर्फ को पार क्यों नहीं कर पायी, वहीँ KTM 390 Duke ने इसे आसानी से पार कर लिया. विडियो में एक Himalayan को भी देखा जा सकता है और उसे भी ज़्यादा दिक्कत नहीं आती.

देखिये जैसे KTM 390 ने काली बर्फ को पार कर लिया वहीँ Royal Enfield Classic 350 फँस गयी

ऐसी हालत में Royal Enfield Classic का भारी वज़न उसका दुश्मन बन जाता है. भारी बाइक होने के नाते, उसे ढलान वाली फिसलन भरी सतह पर चलने में दिक्कत आती है. साथ ही, Royal Enfield Classic के टायर पर ग्रूव भी नज़र नहीं आ रहे. टायर ट्रेड ग्रिप देते हैं और सतह पर अच्छी पकड़ बनाकर चलते हैं. अगर टायर्स में ट्रैड होता तो अच्छे लो-एंड टॉर्क वाली Royal Enfield Classic आगे बढ़ सकती थी.

काली बर्फ क्या होती है और इसपर कैसे राइड करना चाहिए?

जब ठन्डे इलाकों में रात में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, तब काली बर्फ कमती है. सड़क पर बहता हुआ पानी जम जाता है और काफी फिसलन भरा बन जाता है. इसे आसानी से देखा जा सकता है क्योंकि ये एक गीले हिस्से जैसा दिखता है. अधिकांश बाइकर्स अचानक तेज़ या धीमे होने के कारण काली बर्फ पर फिसल जाते हैं. कई बार, जब राइडर को पता चलता है की नीचे का सतह फिसलन भरा है तो वो हड़बड़ी में ब्रेक लगा देते हैं जिससे वो संतुलन खो बैठते हैं.

काली बर्फ से निबटने का सबसे आसान तरीका है उसे पहचान कर उसपर धीमे-धीमे चलना. चूंकि काली बर्फ को दूर से पहचान पाना मुश्किल होता है, सुबह में ऐसे इलाकों में धीमे चलना सही होता है और रोड पर गीले हिस्से को देखकर और भी धीमे हो जाना चाहिए. सूर्योदय के बाद काली बर्फ पिघल जाती है लेकिन छाँव वाले इलाके में वो ज़्यादा देर तक रह सकती है. हमेशा दोनों टांगों की मदद से बाइक को काली बर्फ के ऊपर बैलेंस करें एवं बेहद धीमी गति से चलें. काली बर्फ के ऊपर गियर बदलते हुए समान स्पीड बनाए रखना भी बेहद ज़रूरी होता है. साथ ही, टायर को अच्छे से मेन्टेन करने से ज़्यादा ग्रिप मिलती है. हर तरह की सतह पर अच्छे ग्रिप के लिए ट्रेड के 1.5 एमएम से कम होते हीं टायर बदल दें.