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देखिये डीजल इंजन की सबसे जानलेवा दिक्कत क्या होती है, और इससे कैसे बचा जाए…

डीजल इंजन अपने लम्बे लाइफ के लिए जाने जाते हैं. लेकिन, खराब रूप से मेन्टेन किये हुए डीजल इंजन अजीब तरह से फंक्शन कर सकते हैं और हमेशा के लिए बंद भी हो सकते हैं. गोवा का ये विडियो एक Mahindra Scorpio को “इंजन रनिंग अवे” की हालत से गुज़रता हुआ दर्शाता है. ये डीजल इंजन में होता है और इसके चलते इंजन हमेशा के लिए खराब हो जाता है.

इस विडियो में Mahindra Scorpio के एग्जॉस्ट से काफी गहरा धुआँ निकल रहा है. इसे बंद करने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं किया जा सकता और इस हालत में इंजन बेकाबू होकर तब तक रेव होता रहता है जब तक वो हमेशा के लिए बंद ना हो जाए. ऐसे में आप इंजन को इग्निशन बंद या फ्यूल सप्लाई बंद कर भी नहीं रोक सकते.

डीजल इंजन काफी जटिल इंजीनियरिंग से बनते हैं. डीजल इंजन सही तापमान और दबाव पर किसी भी तरह के फ्यूल जला सकते हैं. अगर एक डीजल इंजन के कम्बशन चैम्बर में इंजन ऑइल या किसी भी तरह का फ्यूल पहुंचे तो भी वो चलता रहता है. डीजल इंजन के चलते रहने के पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे आम कारण है खराब रूप सेमैन्तियन किया हुआ टर्बोचार्जर.

देखिये डीजल इंजन की सबसे जानलेवा दिक्कत क्या होती है, और इससे कैसे बचा जाए…

टर्बोचार्जर में खराब हुआ ऑइल सील किसी भी डीजल इंजन के लिए घातक साबित हो सकता है. टर्बोचार्जर सही से चलने के लिए इंजन ऑइल पर निर्भर होते हैं इसलिए इनके इर्द-गिर्द ऑइल चैनल होते हैं जो इन्हें ऑइल की सप्लाई देते हैं. लेकिन अगर एक ऑइल सील टूट जाता है, तो इंजन ऑइल इंजन के कम्बशन चैम्बर में घुस सकता है. अगर लीक छोटी है तो वो चैम्बर में जल जाती है. लेकिन अगर ऑइल का फ्लो काफी ज़्यादा है और चैम्बर में पर्याप्त तापमान और दबाव है तो इंजन ऑइल जलने लगेगा. यहाँ गौर किया जाना चाहिए की डीजल इंजन में स्पार्क प्लग्स नहीं होते. चैम्बर में सही दबाव और तापमान के चलते फ्यूल जलता है. एक बार जब इंजन ऑइल जलने लगता है तो फ्यूल की ज़रुरत नहीं होती और तभी ‘इंजन रनिंग अवे’ की दिक्कत आने लगती है.

https://youtu.be/XTlekxSl4JA

डीजल इंजन का इंजन स्पीड उसमें आने वाली फ्यूल से कण्ट्रोल होता है. इंजन में फ्यूल की एंट्री को कण्ट्रोल करने के ज़रिये होते हैं, लीक से आये फ्यूल को कण्ट्रोल नहीं किया जा सकता. जैसे ही इंजन खुद से इंजन ऑइल जलाने लगता है, वहां वैक्यूम बन जाता है एवं इंजन में और भी इंजन ऑइल आने लगता है. इंजन चैम्बर में वैक्यूम के चलते लीक से लगातार इंजन ऑइल आ रहा होता है, और इंजन रेव बढ़ने लगते हैं और हो सकता है ए रेड लिमिट से भी आगे बढ़ जाएँ.

आजकल के इंजन में ये दिक्कत इतनी आम नहीं है. कई मॉडर्न इंजन में कट-ऑफ वाल्व होते हैं जो इंजन को चोक कर उसे बचा लेते हैं. लेकिन, इनसे इंजन के बच जाने की गारंटी नहीं होती. कट-ऑफ वाल्व के सही से चलने के लिए कई चीज़ों का सही होना ज़रूरी होता है.

डीजल इंजन को इस दिक्कत से कैसे बचाएं?

सबसे अच्छा तरीका है कार के मेंटेनेंस रूटीन का सही से पालन करना. इंजन ऑइल को सही अंतराल पर बदलते रहना चाहिए और फैक्ट्री द्वारा बताये गए ग्रेड ऑइल का ही इस्तेमाल करना चाहिए. साथ ही इंजन चैम्बर में सही मात्रा में ही फ्यूल इस्तेमाल किया जाना चाहिए. अगर चैम्बर में ज़्यादा इंजन ऑइल डाल दिया जाए तो इससे ऑइल सील टूट सकता है.

अगर ये दिक्कत इंजन में पहले ही आ गयी है तो आप कुछ तरकीबें आजमा सकते हैं. मैन्युअल कार्स में ऐसी हालत में आपको कभी भी क्लच का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

  •     मैन्युअल कार्स ऐसी हालत में सबसे ऊपर वाले गियर में शिफ्ट कर सकते हैं. ट्रांसमिशन और क्लच से मिलने वाला ट्रैक्शन इंजन को रोक सकता है. आप इंजन पर और भी प्रेशर लगाने के लिए हैण्डब्रेक का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन इससे ट्रांसमिशन और क्लच पर काफी ज़्यादा बुरा असर पड़ता है.
  •     ऑटोमैटिक कार्स में एयरइन्टेक को अग्निशमक से जाम करने से इंजन में हवा नहीं आती और वो बंद हो जाता है.
  •     ऐसी हालत में आप इंजन में हुए लीक को ढूंढ उसे किसी ठोस चीज़ से ब्लॉक कर सकते हैं. इससे कम्बशन चैम्बर के अन्दर हवा नहीं आती और इंजन बंद हो जाता है.

ऐसी हालत के बाद आपको अपनी गाड़ी को कभी भी स्टार्ट नहीं करना चाहिए. हमेशा सर्विस सेण्टर या मैकेनिक के पास जाकर गाड़ी सही करवाएं.