Royal Enfield मोटरसाइकिल्स देश में कई लम्बी दूरी के टूरर्स और शौकीनों की पसंदीदा बाइक रही है. और सभी Royal Enfields में से Thunderbird सीरीज ने अपने ग्रन्टी इंजन और आरामदायक स्टांस के साथ सबको ज़्यादा इम्प्रेस किया है. लेकिन, पेश है एक विडियो जो इस पॉपुलर बाइक की ऑफ-रोडिंग लिमिट को दर्शाता है.
जैसा की साफ़ देखा जा सकता है Thunderbird कुछ आम कम चुनौती वाले बाधाओं को पार करने में भी दिक्कतें झेलती है. बाइक हमेश फँस जाती है और ऐसे में इसे धक्का लगाने की नौबत आ पड़ती है. हाँ, इंडिया के अधिकाँश बाइक्स ऐसी बाधाएं पार नहीं कर पाते. लेकिन, चौंकाने वाली बात है की रफ एंड टफ जगहों पर ले जाए जाने वाली बाइक Thunderbird इस ऑफ-रोड ट्रैक में हर बाधा पर खरी नहीं उतरती. पेश हैं इस नाकामी के तीन मुख्य कारण –
भारी वज़न– Royal Enfield Thunderbird मोटरसाइकिल्स का वज़न काफी ज़्यादा होता है. भारी बाइक चलाने का मतलब होता है की राइडर इसे बाधाओं के पास उतने अच्छे से संभाल नहीं पाटा. और इसके चलते संतुलन बिगड़ने लगता है. साथ ही Thunderbird की चौड़ाई भी बैलेंस ढूँढने में दिक्कतें पेश करती है. Royal Enfield Thunderbird 350 का वज़न 192 किलो होता है. और T’bird 500 का वज़न 195 किलो. ये दोनों बाइक्स ही ऑफ-रोडिंग के लिए काफी भारी होती हैं.
ऑफ–रोडिंग के लिए गलत एर्गोनॉमिक्स–Royal Enfield Thunderbird एक क्रूज़र मोटरसाइकिल है, जिसका मतलब है की ये लम्बे और सपाट रोड्स के लिए बनी है. एक्सप्रेसवे पर इस मोटरसाइकिल के राइडर्स इसके आरामदायक एर्गोनॉमिक्स के चलते इसे घंटों तक चला सकते हैं. लेकिन ऑफ-रोडिंग में कम्फर्ट की जगह नहीं होती. जैसा की आप विडियो में देख सकते हैं, राइडर बाधा के सामने अपना वज़न एडजस्ट नहीं कर पा रहा. साथ ही, क्रूज़र मोटरसाइकिल होने के नाते, इसका सैडल काफी लो है और हैंडलबार ऊंचा. ये सभी बातें इसे ऑफ-रोडिंग के लिए उपयुक्त नहीं बनातीं.
अपर्याप्त ग्राउंड क्लीयरेंस: Thunderbird के खिलाफ एक और बात है और वो है इसका लो ग्राउंड क्लीयरेंस. जहां एक शुद्ध टूरर RE Himalayan का ग्राउंड क्लीयरेंस 220 एमएम का है, T’bird 350 और 500 का ग्राउंड क्लीयरेंस 140 एमएम और 135 एमएम का है. लो ग्राउंड क्लीयरेंस के चलते T’bird अक्सर फँस जाती है. ये राइडर के लिए और मुश्किलें खड़ी करता है.
वाया — de with Urus