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Driverless car प्रैंक Toyota Etios में; ये हैं लोगों का रिएक्शन

बिना ड्राईवर के कार वाला प्रैंक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई नयी बात नहीं है, लेकिन इंडिया में? तो ये अभी अभी दिल्ली में हुआ, जहां दो लोगों ने एक Toyota Etios सेडान में बिना ड्राईवर के कार वाला प्रैंक कर के लोगों को चौंका दिया. आप इसे यहाँ खुद देख सकते हैं.

इस प्रैंक में, कार का ड्राईवर अपने आप को छुपाने के लिए ड्राईवर की सीट पर बैठ कर सीट कवर कॉस्ट्यूम का इस्तेमाल करता है. लेकिन वो गाड़ी को मोड़ नहीं सकता है, इसका मतलब ये है की प्रैंक थोड़ी देर के लिए ही लोगों को झांसा दे सकता है. ड्राईवर के इनपुट के हिसाब से कार सिर्फ एक ही गियर में रह सकती है और केवल आगे या पीछे ही जा सकती है.

ये है एक और दूसरा विडियो जो आपको अच्छे से दिखाता है की बिना ड्राईवर के कार वाले प्रैंक कैसे काम करते हैं.

लेकिन ऐसा नहीं है की बिना ड्राईवर वाले कार दूर की बात हैं. ये टेक्नोलॉजी इंडिया में अभी भी उपलब्ध है लेकिन सरकार और ट्रैफिक के नियम कार निर्माताओं को सेल्फ-ड्राइविंग कार के रास्ते पर चलने से रोक रहा है. उदाहरण के लिए BMW 7-Series अपने आप को खुद से पार्क कर सकती है और किफायती Skoda Octavia भी ऐसा कर सकती है. तो ये बस समय की बात है पार्किंग जैसे साधारण फ़ीचर ऑटोमेटेड हो जाएँ.

यूँ तो कम से कम इंडिया में पूरी तरह से स्वयात्त कार अभी काफी दूर की बात है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा की वो सेल्फ-ड्राइविंग कार्स को अनुमति नहीं देंगे क्योंकि वो बड़े स्तर पर बेरोज़गारी पैदा करेंगे. यहाँ तक की Google के Sundar Pichai जैसे तकनीक विशेषज्ञ भी ये रे रखते हैं की सेल्फ-ड्राइविंग कार्स इंडिया के रोड के लिए नहीं बनी हैं.

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लेकिन सारी उम्मीद खोने की ज़रुरत नहीं है. इंडिया में भी कुछ ऐसी टेक्नोलॉजी की कंपनियां हैं जो इंडिया के हालातों में काम करने वाली सेल्फ-ड्राइविंग कार्स पर काम कर रही हैं. Tata Technologies एक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम रही है जो इंडिया के रोड के लिए सेल्फ-ड्राइविंग टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करने योग्य बना पायेगी, और तो और कुछ स्टार्टअप भी इस दिशा में काम कर रहे हैं.